विश्व जूनियर चैंपियनशिप में टीम के बाद अब व्यक्तिगत गौरव हासिल करना रहेगा लक्ष्य
मिश्रित टीम स्पर्धा में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने के बाद भारतीय दल सोमवार से शुरू हो रही BWF World Junior Championship की व्यक्तिगत स्पर्धाओं में भी इसी लय को बरकरार रखने की कोशिश करेगा।भारत का इस टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 17 साल पहले पुणे में रहा था जब साइना नेहवाल ने लड़कियों के एकल वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था जबकि आरएमवी गुरु साई दत्त ने लड़कों के एकल वर्ग में कांस्य पदक जीता था।
भारत ने अब तक इस प्रतियोगिता के इतिहास में कुल 11 व्यक्तिगत पदक जीते हैं जिनमें चार रजत पदक शामिल हैं।इस चरण में भारत के पास एक और स्वर्ण पदक जोड़ने का सबसे अच्छा मौका लड़कियों के एकल वर्ग में है जिसमें जूनियर विश्व नंबर एक तन्वी शर्मा और चाइना ओपन क्वार्टर फाइनल में पहुंची उन्नति हुड्डा शामिल हैं।
दोनों खिलाड़ियों को ड्रॉ के अलग-अलग हिस्सों में रखा गया है जिससे भारतीयों के बीच संभावित फाइनल की उम्मीदें बढ़ गई हैं।एशियाई अंडर-19 कांस्य पदक विजेता तन्वी को शुरुआती दौर में बाई मिली है और इंडोनेशिया की सातवीं वरीयता प्राप्त थलिता विर्यावान के खिलाफ संभावित क्वार्टरफाइनल उनके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
आठवीं वरीय उन्नति दूसरे दौर में हांगकांग की लियू होई किउ अन्ना के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत कर सकती हैं।भारत की एशियाई अंडर-19 कांस्य पदक विजेता वेन्नाला के और विश्व में 41वें नंबर की रक्षिता श्री को अंतिम चार में पहुंचने के लिए कुछ कठिन मुकाबलों से गुजरना होगा।
लड़कों के एकल वर्ग के दावेदारों के लिए पदक दौर तक पहुंचने का रास्ता और भी कठिन होगा जहां लालथाजुआला हमार का सामना विश्व जूनियर नंबर एक और शीर्ष वरीयता प्राप्त इंडोनेशिया के मोहम्मद जाकी उबैदिल्लाह से अंतिम 32 में होने की संभावना है।11वीं वरीयता प्राप्त रौनक चौहान को चीन के ली जी हैंग के खिलाफ कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा।