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Last Updated : गुरुवार, 12 अक्टूबर 2023 (17:35 IST)

इंटरव्यू में कसा साइना नेहवाल ने पीवी सिंधू पर तंज, ओलंपिक मेडलिस्ट की खत्म नहीं हो रही जंग

इंटरव्यू में कसा साइना नेहवाल ने पीवी सिंधू पर तंज, ओलंपिक मेडलिस्ट की खत्म नहीं हो रही जंग - Saina nehwal feels that indian women badminton player will make a stronger comeback
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल (Indian Badminton Player Saina Nehwal) ने स्वीकार किया कि पिछले एक साल में महिला खिलाड़ियों के प्रदर्शन में थोड़ी गिरावट आई है लेकिन उन्हें उम्मीद है कि ऐतिहासिक प्रदर्शन करने वाले पुरुष बैडमिंटन सफलता के सिलसिले को जारी रखेंगे।
 
साइना ने साथ ही कहा कि उन्होंने अभी संन्यास लेने के बारे में नहीं सोचा है और खिलाड़ियों को कोचिंग देने की संभावना पर भी विचार नहीं किया है क्योंकि यह काफी मुश्किल काम है।
 
 तैंतीस साल की साइना ने हैदराबाद से ‘भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘नतीजे काफी अच्छे आ रहे हैं, पिछले 10 वर्षों में बैडमिंटन ने काफी प्रगति की है। लोगों में विश्वास है, खिलाड़ियों में विश्वास आ रहा है कि हम शीर्ष स्तर पर अच्छे नतीजे हासिल कर सकते हैं।’’
 
उन्होंने कहा ,‘‘ अब तो हम बैडमिंटन में Gold Medal (Thomas Cup और Asian Games में पुरुष युगल) भी जीते हैं। बैडमिंटन काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमारे मौजूदा खिलाड़ी काफी अच्छा खेल रहे हैं और कई उदीयमान खिलाड़ी भी आ रहे हैं जिससे मुझे यकीन है कि बैडमिंटन का भविष्य काफी अच्छा है।’’
भारत के पुरुष खिलाड़ी पिछले कुछ समय से लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। पुरुष टीम ने पिछले साल थॉमस कप में ऐतिहासिक खिताब जीता जबकि हाल में संपन्न एशियाई खेलों में भारत को पहली बार स्वर्ण पदक दिलाने के बाद सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी (satwiksairaj rankireddy and chirag shetty) की जोड़ी विश्व रैंकिंग में नंबर एक पर पहुंचने वाली पहली भारतीय जोड़ी बनी। एचएस प्रणय (Prannoy H. S. In Asian Games) को एशियाई खेलों में पुरुष एकल में कांस्य पदक मिला।
 
महिला वर्ग में हालांकि दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू (PV Sindhu), अस्मिता चालिहा (Ashmita Chaliha) और आकर्षी कश्यप (Aakarshi Kashyap) जैसी एकल खिलाड़ी पिछले एक साल में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाईं। भारतीय महिला टीम एशियाई खेलों में क्वार्टर फाइनल में हार गई जबकि व्यक्तिगत वर्ग में भी कोई पदक नहीं मिला।
 
महिला खिलाड़ियों के उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाने पर उन्होंने कहा, ‘‘कभी-कभी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। खेल में काफी चीजें मायने रखती हैं। कभी-कभी फिटनेस समस्या होती है, कभी मानसिक रूप से समस्या हो जाती है, प्रत्येक साल एक जैसा नहीं रहता।’’
 
उन्होंने कहा ,‘‘ अगर आप चीन की महिला खिलाड़ियों को भी देखें तो पिछले कुछ समय में उनका प्रदर्शन भी काफी अच्छा नहीं रहा है। वे भी उस तरह प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं जैसे कोरिया की खिलाड़ी या ताइ जू यिंग और अन्य खिलाड़ी कर रही हैं। लड़कियों के वर्ग में प्रदर्शन में थोड़ा गिरावट है लेकिन मुझे यकीन है कि भविष्य में हम इसमें भी अच्छे नतीजे हासिल करेंगे।’’
 
दुनिया की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी साइना इस साल किसी टूर्नामेंट में दूसरे दौर से आगे नहीं बढ़ पाईं जबकि वह जून के बाद किसी टूर्नामेंट में नहीं खेली हैं लेकिन अभी उनका संन्यास लेने का कोई इरादा नहीं है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अभी संन्यास के बारे में कुछ नहीं सोचा है। घुटने के साथ थोड़ी समस्या है, मेरा ध्यान उसी पर है। यह ठीक हो जाए तो मैं अपने खेल में अधिक जोर लगा पाऊंगी। मैं काफी वर्षों से बैडमिंटन खेल रही हूं और मुझे यह खेल काफी पसंद है। देखती हूं कि मैं कितने और साल खेल पाती हूं। घुटने में थोड़ी समस्या है जिससे मैं उबरने की कोशिश कर रही हूं लेकिन जब तक यह पूरी तरह ठीक नहीं होती मैं कोई फैसला नहीं कर पाऊंगी।’’
 
साइना विश्व रैंकिंग में 55वें स्थान पर खिसक गई है। पेरिस ओलंपिक का क्वालीफिकेशन समय चल रहा है जिसमें अभी लगभग सात महीने बाकी हैं। साइना ने हालांकि कहा कि उनका लक्ष्य सिर्फ ओलंपिक में खेलना नहीं है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘जब आप इतने वर्षों से खेल रहे होते हैं तो आप खेल से प्यार करने लगते हैं। मेरा लक्ष्य सिर्फ ओलंपिक में खेलना नहीं है। अभी मेरा लक्ष्य सिर्फ इतना है कि मैं अच्छी तरह से ट्रेनिंग कर सकूं और भविष्य में कुछ अच्छे टूर्नामेंट में खेल सकूं। मैं पहले भी कई बार ओलंपिक में खेल चुकी हूं इसलिए अभी मेरा ध्यान पूरी तरह से उबरने और टूर्नामेंट में खेलने पर है।’’
 
पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी विजय लैंसी के ‘बैडमिंटन प्रोज’ ने साइना, पारूपल्ली कश्यप और आरएमवी गुरुसाईदत्त को मेंटर (मार्गदर्शक) के रूप में अपने साथ जोड़ा है।
 
सक्रिय खिलाड़ी और मेंटर की भूमिका में संतुलन बनाने के बारे में पूछने पर साइना ने कहा, ‘‘मेंटर के रूप में मेरा काम खिलाड़ियों को सलाह देना है। मैं अपने करियर के अनुभव के आधार पर उन्हें सलाह देती हूं कि मैं कैसे चैंपियन बन पाई। कुछ खिलाड़ियों में सलाह से ही काफी सुधार आ जाता है।’’
उन्होंने कहा,‘‘ कोचिंग काफी मुश्किल चीज है। अगर खेलना शत प्रतिशत योगदान देना है तो कोचिंग देना दो सौ प्रतिशत प्रयास है। मैंने अभी इसके बारे में ज्यादा सोचा नहीं है। मैं बैडमिंटन खिलाड़ियों के साथ मेंटर के रूप में काम करना चाहूंगी क्योंकि बैडमिंटन ने मुझे काफी कुछ दिया है और इस खेल को भारत में और लोकप्रिय बनाने में मैं भी योगदान देना चाहूंगी।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘बैडमिंटन प्रोज को विजय लैंसी और अनूप श्रीधर ने शुरू किया है जिसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देना चाहती हूं। इतने सारे सेंटर (15 केंद्र) खोलकर उन्होंने खिलाड़ियों को खेलने का मौका दिया है। इन सेंटर में काफी बच्चे खेलते हैं और मुझे यकीन है कि भविष्य में हमें इनमें से चैंपियन भी मिलेगा। अभी तो शुरुआत है लेकिन मुझे यकीन है कि हमें सेंटर से राज्य चैंपियन, राष्ट्रीय चैंपियन भी मिलेंगे।’’(भाषा) 
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