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Last Updated :नई दिल्ली , शनिवार, 1 अप्रैल 2017 (22:46 IST)

पीवी सिंधु सुपर सीरीज इंडिया ओपन टूर्नामेंट के फाइनल में

पीवी सिंधु सुपर सीरीज इंडिया ओपन टूर्नामेंट के फाइनल में - PV Sindhu, Badminton
नई दिल्ली। रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता पीवी सिंधु ने अपना करिश्माई प्रदर्शन जारी रखते हुए दूसरी सीड कोरिया की सुंग जी ह्यून को 3 गेमों के कड़े संघर्ष में शनिवार को 21-18, 14-21, 21-14 से हराकर बीडब्ल्यूएफ मेटलाइफ योनेक्स सनराइज सुपर सीरीज इंडिया ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट के महिला एकल खिताबी मुकाबले में प्रवेश कर लिया, जहां उनके सामने अब ओलंपिक चैंपियन स्पेन की कैरोलिना मारिन की चुनौती होगी। 
 
भारत की निर्विवाद रूप से बैडमिंटन क्वीन बन चुकी तीसरी वरीयता प्राप्त सिंधु ने यहां सीरीफोर्ट स्टेडियम में दर्शकों के अपार समर्थन से कोरियाई खिलाड़ी को निर्णायक गेम में वापसी करने का कोई मौका नहीं दिया। सिंधु ने पहला गेम 21-18 से जीत लिया लेकिन सुंग ने दूसरे गेम में संघर्ष दिखाते हुए 21-14 से जीत हासिल की।
 
'करो या मरो' के निर्णायक गेम में दर्शकों ने लगातार सिंधु का हौसला बुलंद रखा और ओलंपिक रजत पदक विजेता भारतीय खिलाड़ी ने 21-14 से तीसरा गेम निपटाकर मैच 1 घंटे 16 मिनट में जीत लिया। 
 
पहली बार इंडिया ओपन के फाइनल में पहुंची सिंधु के सामने अब शीर्ष वरीयता प्राप्त तथा विश्व और ओलंपिक चैंपियन मारिन की चुनौती होगी। मारिन ने अपना तूफानी प्रदर्शन जारी रखते हुए चौथी सीड जापान अकाने यामागूची को पहले सेमीफाइनल में 40 मिनट में 21-16, 21-14 से पीटकर पहली बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में स्थान बनाया। 
 
सिंधु और मारिन के बीच गत वर्ष अगस्त में रियो ओलंपिक के महिला एकल फाइनल में मुकाबला हुआ था, जहां मारिन ने 19-21, 21-12, 21-15 से जीत हासिल कर सिंधु को स्वर्ण पदक जीतने से वंचित कर दिया था। 
 
विश्व रैंकिंग में 5वें नंबर की भारतीय खिलाड़ी का चौथे नंबर की सुंग के खिलाफ इससे पहले करियर रिकॉर्ड 6-4 का था जिसे अब सिंधु ने 7-4 पहुंचा दिया है। सिंधु ने इस जीत के साथ सुंग से गत वर्ष वर्ल्ड सुपर सीरीज फाइनल्स में मिली हार का बदला भी चुका लिया। 
 
सिंधु ने क्वार्टर फाइनल में हमवतन साइना नेहवाल को हराया था और उनके सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद इस मुकाबले को देखने के लिए पूरा सीरीफोर्ट स्टेडियम खचाखच भरा हुआ था। पूरा स्टेडियम 'सिंधु-सिंधु' के नारे से गूंज रहा था और भारत की नंबर 1 खिलाड़ी ने अपने प्रशंसकों को निराश नहीं किया।
 
पहले गेम में सुंग ने अच्छी शुरुआत की और 6-3 की बढ़त बनाई। सिंधु ने फिर 5-7 के स्कोर पर लगातार 5 अंक लेकर 10-7 की बढ़त बना ली। यहां से सिंधु ने बढ़त को अपने हाथ से फिसलने नहीं दिया। हालांकि एक समय स्कोर 17-16 भी हो गया था लेकिन सिंधु ने अपना नियंत्रण कायम रखते हुए 21-18 पर पहला गेम समाप्त कर दिया। 
 
सिंधु ने दूसरे गेम में 5-2 की बढ़त बनाई लेकिन इस बार सुंग ने जवाबी प्रहार करते हुए लगातार 6 अंक बटोरे और 8-5 से आगे हो गईं। कोरियाई खिलाड़ी ने 11-6, 15-9 और 16-13 से अपनी बढ़त मजबूत की। उन्होंने लगातार 4 अंक लेकर 20-13 की बढ़त बनाने के बाद दूसरा गेम 21-14 पर समाप्त कर दिया। 
 
निर्णायक गेम में सिंधु ने अपनी रणनीति बदली और सुंग पर दबाव बना दिया। उन्होंने लगातार 4 अंक लेते हुए 4-0 से अच्छी शुरुआत की। इस शुरुआत ने ही सिंधु का मनोबल ऊंचा कर दिया। अब तो हर एक अंक के साथ दर्शकों का शोर भी जैसे इंडोर स्टेडियम की छत तोड़ने को तैयार था। 
 
सुंग ने काफी कोशिश की लेकिन अब उनके लिए सिंधु के स्मैश और ड्रॉप शॉट को रोकना मुश्किल हो गया। सिंधु ने कमाल की कोर्ट कवरेज से अपनी बढ़त को 8-2, 11-4, 12-7, 17-11 पहुंचाते हुए 21-14 पर जैसे ही यह गेम और मैच समाप्त किया, पूरा स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। सिंधु ने हाथ उठाकर सभी दर्शकों का अभिवादन किया। इससे पूर्व पहली बार इंडिया ओपन खिताब जीतने की तलाश में लगीं मारिन ने अपनी पूरी लय में खेलते हुए यामागूची को कोई मौका नहीं दिया। 
 
मारिन को क्वार्टर फाइनल में जापान की मिनात्सु मितानी को हराने के लिए लगभग 1 घंटे तक 3 गेमों में जूझना पड़ा था लेकिन सेमीफाइनल में जापान की यामागूची ओलंपिक चैंपियन के सामने कोई चुनौती पेश नहीं कर सकी। विश्व रैंकिंग में तीसरे नंबर की मारिन और दूसरे नंबर की यामागूची के बीच इससे पहले 3-3 का करियर रिकॉर्ड था लेकिन अब मारिन ने इस रिकॉर्ड को बेहतर करते हुए 4-3 कर लिया है।
 
पुरुष एकल का खिताबी मुकाबला तीसरी सीड डेनमार्क विक्टर एक्सेलसन और 7वीं सीड चीनी ताइपे के चोऊ तिएन चेन के बीच खेला जाएगा। एक्सेलसन ने सेमीफाइनल में 6ठी वरीय हांगकांग के एन लोंग एंगस को 29 मिनट में 21-12, 21-13 से और चेन ने डेनमार्क के एंडर्स एंटनसन को 46 मिनट में 21-17, 21-14 से हरा दिया।
पुरुष वर्ग में इस तरह इस बार नया चैंपियन देखने को मिलेगा। डेनमार्क और ताइपे ने अब तक इंडिया ओपन में पुरुष एकल का खिताब नहीं जीता है। (वार्ता)
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