ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड भारत-रूस बने संयुक्त विजेता
नई दिल्ली। भारत और रूस को इंटरनेट और सर्वर की खराबी के कारण रविवार को 2020 ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड (Chess Olympiad) में संयुक्त विजेता घोषित किया गया। पहले रूस को विजेता घोषित किया गया क्योंकि फाइनल में भारत के दो खिलाड़ियों निहाल सरीन और दिव्या देशमुख ने सर्वर के साथ कनेक्शन नहीं बन पाने से समय गंवाया। भारत ने इस विवादास्पद फैसले पर विरोध व्यक्त किया जिसके बाद इसकी समीक्षा की गई। अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (फिडे) के लिए यह पहला अवसर था जबकि उसने कोविड-19 महामारी के कारण ओलंपियाड का ऑनलाइन आयोजन किया।
भारत-रूस बने संयुक्त विजेता : फिडे के आधिकारिक बयान में उसके अध्यक्ष आर्काडी डोवोरकोविच ने कहा कि वैश्विक स्तर पर इंटरनेट की खराबी से भारत सहित कई देश प्रभावित हैं और करीबी जांच के बाद ही यह फैसला किया गया। डोवोरकोविच ने कहा, 'भारत के दो खिलाड़ी इससे प्रभावित हुए और उनका कनेक्शन चला गया जबकि मुकाबले का परिणाम नहीं निकला था। अपीली समिति ने इंटनरेट में खराबी से जुड़े इस मामले में चेस.कॉम द्वारा उपलब्ध कराए गए सभी सबूतों तथा अन्य सूत्रों से जुटाई गई जानकारी की जांच की। आखिर में फिडे अध्यक्ष के रूप में मैंने दोनों टीमों को स्वर्ण पदक देने का फैसला किया।'
पीएम मोदी ने दी बधाई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड में रूस के साथ संयुक्त चैंपियन बने भारतीय खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा कि उनकी सफलता अन्य खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, 'हमारे शतरंज खिलाड़ियों को फिडे ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड जीतने पर बधाई। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण सराहनीय है। उनकी सफलता निश्चित तौर पर अन्य शतरंज खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी। मैं रूसी टीम को भी बधाई देता हूं।'
विश्वनाथन आनंद ने दी बधाई : फाइनल के बाद भारत के दिग्गज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद (Viswanathan Anand) ने ट्वीट किया, 'हम चैंपियन है। रूस को बधाई ' फाइनल का पहला दौर 3-3 से बराबर रहा था। पहली छह बाजियां बराबरी पर छूटी थी। रूस ने दूसरा दौर 4.5-1.5 से जीता। उसकी तरफ से आंद्रेई एस्पिेंको ने सरीन को जबकि पोलिना शुवालोवा ने देशमुख पर जीत दर्ज की। इससे विवाद हो गया क्योंकि भारतीयों ने दावा किया खराब कनेक्शन के कारण उन्हें हार मिली। दूसरे दौर में पी हरिकृष्णा का स्थान आने वाले आनंद ने इयान नेपोमिनियात्ची के खिलाफ ड्रॉ खेला जबकि कप्तान विदित गुजराती ने दानिल दुबोव के खिलाफ अंक बांटे।
विश्व रैंपिड चैंपियन कोनेरू हंपी ने अलेक्सांद्रा गोरयाचकिना को हराया जबकि डी हरिका ने अलेक्सांद्रा कोस्तेनियुक के साथ बाजी ड्रॉ खेली। पहले दौर में गुजराती ने नेपोमिनियात्ची से ड्रॉ खेला जबकि हरिकृष्णा और व्लादीमीर आर्मेतीव ने भी अंक बांटे। अन्य मैचों में हंपी और हरिका ने लैगनो और कोस्तेनियुक के साथ ड्रॉ खेला जबकि आर प्रागननंदा और देशमुख भी अपने प्रतिद्वंद्वियों को बराबरी पर रोकने में सफल रहे। हंपी ने जीत पर कहा, 'यह थोड़ा अजीब रहा कि हमें सर्वर की नाकामी के कारण हार का सामना करना पड़ा तथा हमारी अपील स्वीकार की गई। मैं यही कह सकती हूं कि हमने आखिर तक हार नहीं मानी। 'हरिका ने ट्वीट किया, 'संयुक्त विजेता, स्वर्ण पदक जीते। पहले स्थान पर आना हमारी सारी टीम के लिए गौरवशाली क्षण है।' खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने भी भारतीय टीम को बधाई दी।