नेहरू पार्क स्वीमिंगपूल पर ठंडे पानी में दिलाई स्वच्छता की शपथ...
इंदौर। शुक्रवार की सुबह नेहरू पार्क स्थित स्वीमिंगपूल पर अलग ही नजारा था। एक ओर जहां कड़कड़ाती ठंड में लोग रजाईयों और गर्म कपड़ों में दुबके पड़े थे, वहीं दूसरी ओर सेहत के शौकीन तैराक स्वीमिंगपूल के ठंडे-ठंडे पानी के बीच शपथ ले रहे थे।
दरअसल ये आयोजन ओमप्रकाश पुरोहत द्वारा 'नईदुनिया स्वच्छता अभियान' के तहत 'मुमकिन है मुहीम' का था। इस मुहीम के समर्थन में नेहरू पार्क के स्वीमिंगपूल में ठंडे पानी में लाइफ मेंबरों ने स्वच्छता की शपथ ली। नेहरू पार्क के स्वीमिंगपूल में शुक्रवार की सुबह तैराकी कोच दिनेश बागोरा, सुरेश दुबे और ओमप्रकार पुरोहित ने यहां के लाइफ मेंबरों को यह शपथ दिलवाई।
अकसर लोग सोचते हैं कि ठंड के दिनों में जब घर पर ठंडे पानी से नहाना भी उनके लिए बड़ी चुनौती लगता है, ऐसे में भला कौन लोग होंगे जो खुले आसमान के नीचे ठंडे पानी में स्वीमिंग कर रहे होंगे। ऐसी सोच रखने वालों को बताना जरूर है कि आज भी सेहत के प्रति जागरुक रहने वाले कई लोग सुबह 6 से 9 बजे तक के बीच स्वीमिंग करते हैं ताकि वे खुद को स्वस्थ रख सकें।
ठंड के दिनों में नेहरू पार्क के स्वीमिंगपूल पूल पर भीड़ जरूर कम हो जाती है लेकिन लाइफ मेंबरों के अलावा अन्य कई लोग भी तैरने आते हैं। यहां पर नियुक्त वरिष्ठ कोच नरेन्द्र कटारे, अनिल दराड़े, राजदीप स्वामी, घनश्याम सिंह हाड़ा पूरे समय तैराकों पर पैनी नजर रखते हैं।
यही नहीं, संजय व्यास की पूरी टीम स्वीमिंगपूल के पानी को साफ रखने में जुटी रहती है। स्वीमिंगपूल के गेट पर नियुक्त जफर खान अंसारी यह चैक करते हैं कि अधिकारिक लोग ही पूल तक जा सकें।
नेहरू पार्क के स्वीमिंगपूल पूल पर न सिर्फ तैराक अपनी सेहत को सुरक्षित रख रहे हैं बल्कि कई लोग रोजाना 15 से 20 मिनट तक वाटरपोलो के मैच भी खेलते हैं। यानी कड़कड़ाती ठंड में भी नेहरु पार्क स्वीमिंगपूल तैराकों से आबाद रहता है। अल सुबह कुछ गोताखोर भी आते हैं जबकि शाम के वक्त में ख्यात गोताखोरी कोच रमेश व्यास के निर्देशन में कई गोताखोर प्रशिक्षण पाते हैं।
सनद रहे कि हाल ही में दिल्ली में आयोजित नेशनल स्कूल गेम्स की तैराकी स्पर्धा में मध्यप्रदेश को कुल 9 पदक मिले, जिनमें 4 स्वर्ण, 3 रजत और 2 कांस्य पदक शामिल हैं। यह सब पदक रमेश व्यास की कोचिंग के बूते पर ही प्रदेश को मिले। इस प्रतियोगिता के आधार पर मध्यप्रदेश के तीन गोताखोरों का चयन ऑस्ट्रेलिया में खेली गई स्कूल पैसिफिक गेम्स में गई भारतीय टीम में भी हुआ था। (वेबदुनिया न्यूज)