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Last Modified: रविवार, 17 फ़रवरी 2019 (00:25 IST)

सिंधू को हराकर साइना फिर बनीं राष्ट्रीय चैंपियन, सौरभ की खिताबी हैट्रिक

सिंधू को हराकर साइना फिर बनीं राष्ट्रीय चैंपियन, सौरभ की खिताबी हैट्रिक - National Championship: Saina Nehwal beats PV Sindhu to clinch second successive title
गुवाहाटी। साइना नेहवाल ने पी वी सिंधू को सीधे गेमों में हराकर 83वीं योनेक्स सनराइज सीनियर बैडमिंटन राष्ट्रीय चैंपियनशिप में महिला एकल खिताब बरकरार रखा जबकि पुरुष वर्ग में सौरभ वर्मा फिर चैंपियन बने। 3 बार की चैंपियन साइना ने अपने शानदार स्मैश का पूरा इस्तेमाल करते हुए 2 बार की विजेता सिंधू को 21 . 18, 21-15 से मात दी।
 
पिछली बार नागपुर में खेले गए टूर्नामेंट के फाइनल में भी 2012 ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साइना ने सिंधू को हराया था। उसने 2016 रियो ओलंपिक रजत पदक विजेता सिंधू को गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेल के फाइनल में भी मात दी थी। साइना और सौरभ को जीत से 3 लाख 25 हजार रुपए मिले जबकि सिंधू और सेन को एक लाख 70 हजार रुपए का चेक मिला।
 
2011 और 2017 में खिताब जीत चुके सौरभ ने एशियाई जूनियर चैंपियन 17 बरस के लक्ष्य सेन को 21-18, 21-13 से मात दी। सीनियर राष्ट्रीय फाइनल्स में यह उनका दूसरा मुकाबला था। सौरभ ने 2017 में भी जीत दर्ज की थी। साइना ने जीत के बाद कहा कि यह अच्छा मैच था और हम दोनों बहुत अच्छा खेल रहे थे। ऐसे माहौल में राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीतकर बहुत अच्छा लग रहा है।
 
उन्होंने कहा कि सिंधू काफी समय से बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है और उसे हराना कठिन है। यह आसान मैच नहीं था। कई कठिन रेलियां लगाई गई और उसकी मामूली गलतियों से मुझे जीतने में मदद मिली। इससे पहले दूसरी वरीयता प्राप्त प्रणाव जेरी चोपड़ा और चिराग शेट्टी ने शीर्ष वरीयता प्राप्त अर्जुन एम आर और श्लोक रामचंद्रन को 21-13, 22-20 से हराकर पुरुष युगल खिताब जीता। प्रणाव का यह तीसरा राष्ट्रीय खिताब है।
 
पुरुष एकल फाइनल में मुकाबला बराबरी का था, क्योंकि दोनों खिलाड़ी काफी आक्रामक खेल रहे थे। पहले 12 अंक तक स्कोर बराबर रहा। लक्ष्य ने बाद में 5 अंक लेकर स्कोर 11-6 कर दिया। ब्रेक के बाद सौरभ ने वापसी करते हुए अंतर 11-12 का किया और फिर बढ़त बना ली। लक्ष्य के कमजोर रिटर्न का फायदा उठाकर सौरभ ने पहला गेम अपने नाम किया।
 
दूसरे गेम में सौरभ ने 3-0 की बढ़त बना ली लेकिन उसकी सहज गलतियों के दम पर लक्ष्य ने वापसी करके स्कोर 4-4 कर लिया। ब्रेक तक सौरभ ने फिर वापसी करके 11-7 की बढ़त बनाई जब लक्ष्य का स्मैश नेट के भीतर चला गया। सौरभ को 20-11 पर मैच प्वॉइंट मिला। शटल नेट के भीतर जाने से पहले लक्ष्य ने 2 मैच अंक बचाए थे।
 
सौरभ ने जीत के बाद कहा कि पहली बार (2011 में) जीतना हमेशा खास होता है लेकिन इस बार का खिताब विशेष है। लक्ष्य लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और उसके खिलाफ सतर्क होकर खेलना होता है। यह मेरा चौथा फाइनल और तीसरी जीत है। (भाषा)
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