मौसमी ने एशिया के सबसे ऊंचे ज्वालामुखी पर फहराया तिरंगा
नई दिल्ली। बंगाल की मौसमी ने एशिया के सबसे ऊंचे ज्वालामुखी पर्वत माउंट दामावंद की चोटी पर पहुंचकर वहां तिरंगा फहराकर अद्भुत साहस का परिचय दिया है।
मौसमी प्रमुख पर्वतारोही सत्यरूप सिद्धांत और भास्वती चटर्जी के साथ ईरान की सबसे ऊंची चोटी और संभावित रूप से सक्रिय ज्वालामुखी माउट दामावंद के शिखर पर पहुंची। माउंट दामावंद के शिखर पर तिरंगा फहराने के बुलंद हौसले, पक्के इरादे और उत्साह ने मौसमी को चढ़ाई के समय लगातार उत्साहित रखा। हालांकि उनकी तीसरी साथी भास्वती चटर्जी ने 4,600 मीटर की चढ़ाई के बाद कैंप में ही ठहरने का फैसला किया।
37 साल की मौसमी ने बेंगलुरु में नौकरी शुरू करने के बाद ट्रैकिंग में दिलचस्पी लेनी शुरू की थी। 2015 में 'द एवरेस्ट' फिल्म देखने के बाद उन्होंने पर्वतारोहण अभियान के लिए अपना मन बना लिया। बंगाल के कल्याणी शहर से ताल्लुक रखने वाली मौसमी ने बेसिक माउंटेनियरिंग कोर्स के लिए अप्लाई किया था और मई-जून 2018 में 1 महीने का कोर्स पूरा किया। ट्रेनिंग के बाद उन्हें बंगाल की टीम में शामिल किया गया, जो ईरान में दामावंद के शिखर पर चढ़ाई की तैयारी कर रही थी और बाकी सब इतिहास है।
ईरान में माउंट दामावंद पर तिरंगा फहराने वाली बंगाल की पहली लड़की बनने के बाद मौसमी ने कहा कि मैं काफी उत्साहित और बेहद गौरवान्वित महसूस कर रही हूं, क्योंकि इससे मेरी मातृभूमि को सम्मान मिला है। कुछ साल पहले तक पहाड़ पर चढ़ने का सपना काफी असंभव कार्य लग रहा था। एक तो लड़की होने के कारण और दूसरे अधिक उम्र होने के कारण यह मुझे नामुमकिन लग रहा है, लेकिन आखिर मुझे टीम में शामिल किया गया। मैं सत्या, भास्वती दी और कई दोस्तों की बेहद आभारी हूं जिन्होंने मुझे हमेशा समर्थन दिया।