रविवार, 29 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. अन्य खेल
  3. समाचार
  4. Koneru Humpy becomes rapid chess world champion
Last Modified: रविवार, 29 दिसंबर 2024 (09:13 IST)

कोनेरू हंपी ने रचा इतिहास, दूसरी बार विश्व रेपिड शतरंज खिताब जीता

koneru humpy
Koneru Humpy news in hindi : भारत की कोनेरू हंपी ने रविवार को यहां इंडोनेशिया की इरीन सुकंदर को हराकर ऐतिहासिक दूसरी बार विश्व रेपिड शतरंज चैंपियनशिप खिताब जीता। हंपी ने 2019 में जॉर्जिया में यह प्रतियोगिता जीती थी और भारत की नंबर एक महिला खिलाड़ी चीन की जू वेनजुन के बाद एक से अधिक बार यह खिताब जीतने वाली दूसरी खिलाड़ी हैं। 37 वर्षीय हंपी ने संभावित 11 में से 8.5 अंक के साथ टूर्नामेंट का अंत किया।
 
हंपी ने जीत दर्ज करने के बाद कहा कि मैं बहुत उत्साहित हूं और मुझे बहुत खुशी है। मुझे उम्मीद थी कि यह बहुत कठिन दिन होगा, किसी तरह के टाई-ब्रेक की तरह। लेकिन जब मैंने बाजी खत्म की, मुझे तब पता चला जब मध्यस्थ ने मुझे बताया और यह मेरे लिए एक तनावपूर्ण क्षण था।
 
काले मोहरों के साथ खेलने वाली इस भारतीय खिलाड़ी ने कहा कि यह काफी अप्रत्याशित है क्योंकि पूरे साल मैं संघर्ष करती रही हूं और कई टूर्नामेंट में प्रदर्शन काफी खराब था जहां मैं अंतिम स्थान पर रही। इसलिए यह मेरे लिए आश्चर्य की तरह है।
 
हंपी की उपलब्धि के साथ भारतीय शतरंज के लिए एक शानदार वर्ष का अंत हुआ। इससे पहले डी गुकेश हाल ही में सिंगापुर में क्लासिकल प्रारूप विश्व चैंपियनशिप में चीन के डिंग लिरेन को हराकर चैंपियन बने थे। सितंबर में भारत ने बुडापेस्ट में शतरंज ओलंपियाड में पहली बार ओपन और महिला वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था।
 
अनुभवी हंपी ने स्वीकार किया कि पहले दौर की हार के बाद वह खिताब के बारे में नहीं सोच रही थीं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पहले दौर की हार के बाद मैं खिताब के बारे में नहीं सोच रही थी लेकिन चीजें अच्छी हो गईं, खासकर कल लगातार चार बाजी जीतने से मुझे मदद मिली। हालांकि हंपी को भारत और अमेरिका के बीच समय के बड़े अंतर के कारण खेल के बाहर भी कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
 
उन्होंने कहा कि हां, बोर्ड के बाहर, समय के अंतर के कारण यह मेरे लिए बहुत मुश्किल था। नींद की कमी थी। मैं यहां आने के बाद से ठीक से सो नहीं पाई हूं। इसलिए खेलना आसान नहीं था लेकिन मुझे खुशी है कि मैं ऐसा करने में सफल रही। हंपी ने विश्व रेपिड चैंपियनशिप में हमेशा उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उन्होंने इस प्रतियोगिता में मॉस्को में 2012 में कांस्य जबकि पिछले साल उज्बेकिस्तान के समरकंद में रजत पदक जीता था।
 
हंपी ने कहा कि उनकी जीत अब अन्य भारतीयों को शतरंज खेलने के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि भारत के लिए यह सही समय है। हमारे पास विश्व चैंपियन के रूप में गुकेश है और अब मुझे रेपिड प्रतियोगिता में दूसरा विश्व खिताब मिला है। इसलिए मुझे लगता है कि यह बहुत से युवाओं को पेशेवर रूप से शतरंज खेलने के लिए प्रेरित करेगा।
 
रूस के 18 वर्षीय वोलोडर मुर्जिन ने पुरुष वर्ग का खिताब जीता। नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव के बाद मुर्जिन दूसरे सबसे युवा फिडे विश्व रेपिड चैंपियन हैं। नोदिरबेक ने 17 वर्ष की उम्र में खिताब जीता था। (भाषा)
 
ये भी पढ़ें
मैच के बाद कोहली और कोंस्टास की मुस्कुराती हुई तस्वीर देखकर हैरानी नहीं होगी : स्टुअर्ट क्लार्क