यह प्रदर्शन बरकरार रखना चाहता हूं : किदाम्बी श्रीकांत
ओडेन्से। डेनमार्क ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट के रूप में इस वर्ष अपना तीसरा सुपर सीरीज खिताब जीतने वाले भारत के किदाम्बी श्रीकांत ने कहा है कि वे इस प्रदर्शन को आगे भी बरकरार रखना चाहते हैं।
विश्व रैंकिंग में आठवें नंबर के श्रीकांत ने निर्मम प्रदर्शन करते हुए कोरिया के ली ह्यून को मात्र 25 मिनट में 21-10, 21-5 से रौंदकर रविवार को डेनमार्क ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया। उन्होंने इस वर्ष इंडोनेशिया ओपन और ऑस्ट्रेलिया ओपन के खिताब भी जीते थे।
श्रीकांत ने इस खिताबी जीत के बाद कहा, मैं इस खिताबी जीत से काफी खुश हूं। यह बेहद शानदार मुकाबला रहा। इस सप्ताह मैंने कुछ बड़े खिलाड़ियों को हराया है। मैं यह नहीं कह सकता हूं कि मेरा सपना पूरा हो गया है, क्योंकि मैंने एक साल में तीन खिताब जीतने के बारे में कभी नहीं सोचा था। निश्चित रूप में इस प्रदर्शन को आगे भी बरकरार रखना चाहता हूं।
टूर्नामेंट में आठवीं वरीयता प्राप्त श्रीकांत का 22वीं रैंकिंग के कोरियाई खिलाड़ी के खिलाफ यह पहला करियर मुकाबला था और इसे उन्होंने बातों ही बातों में समाप्त कर दिया। श्रीकांत ने अपने खिताबी सफर में विश्व के नंबर एक खिलाड़ी डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन को हराया था। सेमीफाइनल में उन्होंने हांगकांग के वोंग विंग की विन्सेंट की चुनौती तोड़ी थी।
25 वर्षीय श्रीकांत ने कहा, मेरे लिए यह वर्ष अब तक काफी शानदार रहा है। चोट से उबरने के बाद मैंने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। अभी और सुपर सीरीज टूर्नामेंट आने वाले हैं और मैं इन्हें खिताबी जीत के साथ समाप्त करना चाहता हूं। मैं वही करना चाहता हूं, जो मैंने इस सप्ताह किया है।
भारतीय खिलाड़ी ने कहा, अब मैं सभी टूर्नामेंटों में नहीं, बल्कि कुछ सीमित टूर्नामेंटों में खेलना चाहता हूं, ताकि मैं अपनी रैंकिंग में सुधार कर सकूं। मैं लगभग 10 टूर्नामेंट खेलूंगा और फिर राष्ट्रमंडल तथा एशियाई खेलों में हिस्सा लूंगा। इसके बाद मुझे सैयद मोदी, जो कि अनिवार्य है और पीबीएल में भी भाग लेना है।
श्रीकांत ने 2014 में चाइना ओपन सुपर सीरीज और 2015 में इंडिया ओपन सुपर सीरीज का खिताब अपने नाम किया था। उन्होंने दिसंबर में दुबई में होने वाली सुपर सीरीज को लेकर कहा, चाइना और हांगकांग टूर्नामेंट के बाद यह एक काफी अहम टूर्नामेंट होने वाला है। मैं इस टूर्नामेंट में फाइनल तक का सफर करना चाहता हूं। (वार्ता)