क्या अपने करियर के सबसे बुरे दौर में हैं पीवी सिंधू? नए कोच हाशिम के बाद भी मिली हार
17वें रैंक पर आ चुकी पीवी सिंधू अपने करियर के सबसे खराब दौर से गुजर रही हैं। एक दशक की सबसे खराब रैंक के बाद उनको आशा थी कि नए कोच के आने के बाद दिन फिरेंगें लेकिन इसके बाद भी उनको कोरिया ओपन से खाली हाथ लौटना पड़ा। अगले साल पेरिस ओलंपिक भी है और ऐसे में वह भारत के पदक की एक उम्मीद की तरह हैं। उनका खराब फॉर्म भारत को अगले साल 1 मेडल कम दिलवा सकता है।
नये कोच हाफिज हाशिम के आने के बाद सिंधू को खेल में सुधार की उम्मीददो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू ने मलेशिया के दिग्गज मोहम्मद हाफिज हाशिम को अपना नया कोच घोषित करते हुए कहा था कि वह पेरिस ओलंपिक से पहले अपने खेल में जैसा पैनापन और आक्रामक रवैया चाह रही थी उस तरह के गुण उनमें है।भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) को पत्र लिखकर खेल मंत्रालय से टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) के हिस्से के रूप में पूर्व ऑल इंग्लैंड चैंपियन मलेशिया के इस दिग्गज की देख रेख में प्रशिक्षण की मंजूरी मांगी थी।उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, मैं हाफिज हाशिम को अपने नये कोच के रूप में घोषित करते हुए रोमांचित हूं।
उन्होंने कहा, एक लंबी प्रक्रिया के बाद, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मैंने बेहद शानदार हाफिज हाशिम को अपने कोच के रूप में चुना है। हाफिज में वे सभी गुण हैं जो मैं एक कोच में तलाश रही थी। इसमें ऊंचाई और गति के इस्तेमाल के साथ आक्रामक रवैया शामिल है। वह 2003 के पूर्व ऑल इंग्लैंड चैंपियन है और उन्हें इस खेल की अच्छी समझ है।
मौजूदा सत्र में है खाली हाथचोट के कारण पांच महीने के ब्रेक के बाद वापसी करते हुए सिंधू मौजूदा सत्र में एक भी खिताब नहीं जीत पाई हैं। इससे उनकी रैंकिंग पर भी असर पड़ा और वह 17वें स्थान पर खिसक गयी।सिंधू की एक दशक से अधिक समय में यह सबसे खराब रैंकिंग है। वह पिछली बार जनवरी 2013 में 17वीं रैंकिंग पर काबिज थीं। यह भारतीय खिलाड़ी 2016 से शीर्ष 10 में शामिल थी और अप्रैल 2016 में करियर की सर्वश्रेष्ठ दूसरी रैंकिंग हासिल करने में सफल रहीं।
दुनिया की पूर्व नंबर दो खिलाड़ी सिंधू को राष्ट्रमंडल खेल 2022 में खिताबी जीत के दौरान टखने में स्ट्रेस फ्रेक्चर हो गया था।सिंधू को उम्मीद होगी कि वह अगले साल अप्रैल में खत्म होने वाले ओलंपिक क्वालीफिकेशन समय के दौरान फॉर्म हासिल कर लेंगी।यह 28 साल की खिलाड़ी फरवरी में कोरिया के कोच पार्क ताये-संग से अलग हो गयी थी।सिंधू अभी साइ की कोच विधि चौधरी की सेवाएं ले रही थी। मिशन ओलंपिक सेल (एमओसी) ने ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप, स्विस ओपन और स्पेन मास्टर्स के दौरान विधि के उनके साथ यात्रा करने के लिए वित्तीय सहायता देने के उनके प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
कोरिया ओपन में भी सिंधू के खाते में आई सिर्फ हार
पीवी सिंधू और किदाम्बी श्रीकांत की खराब फॉर्म जारी रही और दोनों कोरिया ओपन सुपर 500 टूर्नामेंट के पहले दौर में ही बाहर हो गये।पांचवें वरीय प्रणय ने बेल्जियम के जूलियन कारागी पर 21-13 21-17 से जीत दर्ज की। एलीट शीर्ष 10 में एकमात्र भारतीय एकल खिलाड़ी प्रणय का सामना अब ली युन ग्यू और ली चेयूक यिऊ के बीच होने वाले मुकाबले के विजेता से होगा।
दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू का निराशाजनक प्रदर्शन जारी रहा। वह पहले दौर में दुनिया की 22वें नंबर की खिलाड़ी चीनी ताइपे की पेई यू-पो के खिलाफ तीन गेम तक चले कड़े मुकाबले में 18-21 21-10 13-21 की हार के साथ टूर्नामेंट से बाहर हो गईं।इस हफ्ते विश्व रैंकिंग में 17वें स्थान पर खिसकने वाली सिंधू यह मुकाबला 58 मिनट में हार गयीं।