माले:भारत के दिग्गज फुटबॉलर और राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने अपने करियर को लेकर बात करते हुए पहले कहा कि यह जल्द ही समाप्त होने वाला है लेकिन साथ ही स्पष्ट किया कि वह अगले कुछ वर्षों के लिये कहीं नहीं जा रहे हैं।
सैफ चैंपियनशिप में अपने अंतरराष्ट्रीय गोल की संख्या 79 पर पहुंचाकर दिग्गज पेले को पीछे छोड़ने वाले 37 वर्षीय छेत्री ने खेल के प्रति अपने दृष्टिकोण पर दार्शनिक रवैया अपनाया।
छेत्री ने कहा, सच्चाई यह है कि यह (उनका करियर) जल्द समाप्त होने वाला है और मैं इसके हर पल का लुत्फ उठा रहा हूं।
छेत्री से जब पूछा गया कि अपने चमकदार करियर के दौरान उतार चढ़ावों में कैसे आगे बढ़े, उन्होंने कहा, मेरे पास अब बहुत सरल मंत्र है। दोस्त खड़े हो जा, बहुत कम टाइम (समय) बचा है, बहुत कम गेम (मैच) बचे हुए हैं, चुपचाप जा और अपना बेस्ट (सर्वश्रेष्ठ) दे। (सब कुछ) थोड़े टाइम पर खत्म होने वाला है।
उन्होंने कहा, आंसू बहाना बंद करो, खुशियों में उछलना, अधिक जश्न मनाना बंद करो, निराश होना बंद करो क्योंकि यह सब जल्द समाप्त हो जाएगा। अभी मैं मैदान पर उतरकर अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करूंगा क्योंकि मैं जानता हूं कि यह जल्द खत्म होने वाला है।
लेकिन इसके साथ ही छेत्री ने स्पष्ट किया कि ऐसा अगले कुछ वर्षों में नहीं होगा।उन्होंने कहा, सुनील छेत्री अगले कुछ वर्षों में कहीं नहीं जा रहा है। इसलिए सहज रहो।
यह करिश्माई खिलाड़ी सक्रिय फुटबालरों में गोल करने के मामले में क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेसी के बाद तीसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि वह बाहर की बातों से स्वयं को दूर रखना पसंद करते हैं क्योंकि उनके करियर में अब अधिक मैच नहीं बचे हुए हैं।
छेत्री ने 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ क्वेटा में भारत की तरफ से पदार्पण किया। वह अपने 16 साल के करियर में अब तक 124 मैच भारत के लिये खेल चुके हैं।
उन्होंने कहा, गाली खाता हूं या लोग तारीफ करते हैं, मैं हर चीज को भुलाने की कोशिश करता हूं। मैं मैदान पर उतरकर अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करता हूं।
पेले का रिकार्ड तोड़ने के बारे में पूछे जाने पर छेत्री ने कहा, जो भी फुटबॉल को जानता है वह समझता है कि (पेले के साथ) कोई तुलना नहीं है। मुझे खुशी है कि मैं खेल रहा हूं और अपने देश के लिये गोल कर रहा हूं। यही सब मैं चाहता हूं। (भाषा)