हॉकी विश्व कप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के सामने डच चुनौती, बेल्जियम का सामना इंग्लैंड से
भुवनेश्वर। खिताब की हैट्रिक लगाने से दो जीत दूर खड़ी ऑस्ट्रेलियाई टीम हॉकी विश्व कप के सेमीफाइनल में शनिवार को नीदरलैंड की आक्रामक चुनौती का सामना करेगी जबकि पहली बार अंतिम चार में पहुची बेल्जियम का सामना इंग्लैंड से होगा।
पिछले दो बार की चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया ने लीग चरण में शीर्ष पर रहने के बाद क्वार्टर फाइनल में फ्रांस को तीन गोल से हराया जबकि नीदरलैंड ने मेजबान भारत का 43 साल बाद खिताब जीतने का सपना तोड़कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
खिताब की प्रबल दावेदार तीन बार की चैम्पियन ऑस्ट्रेलिाई टीम के सामने इस टूर्नामेंट में यह पहली कड़ी चुनौती होगी। डच टीम ने कलिंगा स्टेडियम पर करीब 18000 दर्शकों के सामने जिस तरह अपना संयम बरकरार रखते हुए शानदार फार्म में चल रही भारतीय टीम को हराया, उसका आत्मविश्वास उस जीत से कई गुना बढ गया होगा।
कोच मैक्स कैलडास ने कहा, हमें बड़े मैचों को जीतने का अनुभव है। भारत के खिलाफ जीत काफी महत्वपूर्ण थी और वह बाधा पार करने के बाद हमें यकीन है कि ऑस्ट्रेलियाई चुनौती से भी पार पा लेंगे। खिलाड़ी फार्म में हैं और लगातार मैच खेलने से भी प्रदर्शन पर असर नहीं पड़ा है।
ऑस्ट्रेलियाई टीम को बखूबी पता है कि डच टीम के सामने कोई कोताही बरतना उस पर कितना भारी पड़ सकता है। पिछले विश्व कप के फाइनल में उसने नीदरलंड को हराया था लेकिन इस बार डच टीम ऑस्ट्रेलिया की तुलना में कड़ी चुनौतियों का सामना करके यहां तक पहुंची है। क्वार्टर फाइनल में पहला गोल गंवाने के बाद जिस तरह खिलड़ियों ने वापसी की, उसने ऑस्ट्रेलिया के लिए खतरे की घंटी बजा दी है।
ऑस्ट्रेलिया के डैनी बील ने कहा, हमें पता है कि डच टीम कितनी खतरनाक है। हमने भारत के खिलाफ उनका क्वार्टर फाइनल मैच देखा है और हम उन्हें मैच पर पकड़ बनाने का कोई भी मौका नहीं देंगे। हम ऑस्ट्रेलया मार्का आक्रामक हॉकी खेलगे।
दूसरे सेमीफाइनल में 1986 की उपविजेता इंग्लैंड टीम का सामना दुनिया की तीसरे नंबर की टीम जर्मनी से होगा। इंग्लैंड पिछले दो बार चौथे स्थान पर रहा और इस बार उसके पास सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का मौका है। इंग्लैंड की टीम ओलंपिक चैम्पियन और दुनिया की दूसरे नंबर की टीम अर्जेंटीना को 3–2 से हराकर अंतिम चार में पहुंची हैं।
विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर काबिज बेल्जियम ने पिछले कुछ साल में विश्व हॉकी में अपना कद तेजी से बढाया है लेकिन कोई बड़ा खिताब नहीं जीत सकी है। उसके पास यह मलाल दूर करने का सुनहरा मौका है और जर्मनी जैसी दिग्गज को हराकर उसने अपने तेवर जाहिर कर ही दिए हैं। (भाषा)