भुवनेश्वर:भारतीय महिला हॉकी टीम शनिवार को भुवनेश्वर के कलिंग स्टेडियम में महिला एफआईएच प्रो लीग 2021-22 के अपने पांचवें मैच में दुनिया की नंबर पांच टीम जर्मनी से पेनल्टी शूटआउट में 1-2 से हार गई। इससे पहले भारतीय टीम ने जर्मनी को कड़ी चुनौती दी और मैच को 1-1 से ड्रा कराया।
मैच कितना रोमांचक और कड़ा रहा, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूरे मैच में कुल दो गोल हुए, जो पहले क्वार्टर के पहले पांच मिनटों में हुए। उसके बाद कोई गाेल नहीं हुआ।
भारत की तरफ से फॉरवर्ड नवनीत कौर ने चौथे मिनट में शानदार फील्ड गोल दाग कर टीम को 1-0 की बढ़त दिलाई, हालांकि जर्मनी की ओर से युवा अटैकर कार्लोटा सिप्पेल ने पांचवें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करके स्कोर को 1-1 से बराबर कर दिया और इसी स्कोर पर मैच समाप्त हुआ।
मैच के नतीजे के लिए पेनल्टी शूटआउट का सहारा लिया गया, जिसमें भारतीय कप्तान एवं गोलकीपर सविता पुनिया ने बेहतरीन बचाव किया, लेकिन टीम को मैच हारने से नहीं बचा पाईं। उधर जर्मनी की गोलकीपर माली विचमैन का डिफेंस भी अटूट रहा। उन्होंने पांच में से चार गोल बचाए, जबकि सविता तीन बचा पाईं। भारत के लिए केवल नवनीत कौर ने शूटआउट में गोल किया, जबकि जर्मनी की ओर से पॉलीन हेन्ज और सारा स्ट्रॉस ने गोल किए।इस बीच हॉकी इंडिया ने शनिवार को सुशीला चानू पुखरामबम को भारत के लिए 200 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने पर बधाई दी।
चानू ने 200 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का कीर्तिमान हासिल करने पर कहा, “ मेरे लिए घर पर 200 अंतरराष्ट्रीय मैच पूरा करना वाकई खास है। यह एक लंबी और बेहद संतोषजनक यात्रा रही है। एक टीम के रूप में हम एक परिवार की तरह एक साथ हर चुनौती से गुजरे हैं। मैंने भारत के लिए जो भी मैच खेला है, मैंने भारत के रंग पहनकर गर्व के साथ खेला है। मैं कड़ी मेहनत करना जारी रखने और टीम की सफलता में योगदान करने के लिए तत्पर हूं, क्योंकि हमने इस नए ओलंपिक चक्र में नए लक्ष्य निर्धारित किए हैं। ”
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निंगोमबम ने चानू को बधाई देते हुए कहा, “ मुझे यकीन है कि यह उनके लिए एक विशेष क्षण है। वह एक बहुत मेहनती खिलाड़ी रही हैं और मणिपुर के कई युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा रही हैं। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं, क्योंकि वह टीम के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं। ”
उल्लेखनीय है कि 30 वर्षीय हाफ बैक पिछले एक दशक से भारतीय महिला हॉकी टीम की सबसे प्रभावशाली खिलाड़ियों में से एक रही हैं। वह 2013 में जर्मनी में जूनियर विश्व कप में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय जूनियर टीम की कप्तान थीं। उन्होंने 2014 के एशियाई खेलों में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है जहां भारत ने कांस्य पदक जीता था। उन्होंने 2016 के रियो ओलंपिक खेलों में भी टीम की कप्तानी की, जो 1980 के ओलंपिक के बाद से महिला हॉकी में भारत की पहली उपस्थिति थी।
इसके अलावा वह 2017 एशिया कप में भारत की स्वर्ण पदक जीत का हिस्सा रही हैं और इससे पहले 2014 और 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2020 में टीम के ऐतिहासिक प्रदर्शन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उल्लेखनीय है कि भारतीय महिला हॉकी टीम कलिंग स्टेडियम में रविवार को फिर से महिला एफआईएच प्रो लीग 2021-22 मैच में जर्मनी से भिड़ेगी। उसने अभी तक पांच प्रो लीग मैच खेले हैं, जिसमें उसे तीन में जीत और दो हार मिली है।
(वार्ता)