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Last Updated : बुधवार, 30 जनवरी 2019 (18:26 IST)

पंजाब सरकार सख्त, डोपिंग टेस्ट को राज्य में किया अनिवार्य

पंजाब सरकार सख्त, डोपिंग टेस्ट को राज्य में किया अनिवार्य - Doping Test, Punjab
नई दिल्ली। पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने पंजाब में खेलों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प व्यक्त करते हुए बुधवार को यहां कहा कि राज्य में सरकारी नौकरियों में खिलाड़ियों के लिए भर्ती से पहले और भर्ती के बाद डोपिंग टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है।
 
 
सोढी ने केंद्रीय खेल और युवा मामलों के मंत्रालय के सहयोग से नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) और फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पेफी) के संयुक्त तत्वाधान में एंटी डोपिंग विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन उद्घाटन सत्र में यह बात कही। 
 
कार्यक्रम का उद्घाटन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्वनी कुमार चौबे ने किया जबकि भारत सरकार के पूर्व मंत्री एवं बिहार विधान परिषद  सदस्य डॉ संजय पासवान इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल और पेफी के सचिव पीयूष जैन भी इस अवसर पर मौजूद थे। 
 
सोढी ने पंजाब में खेलों के परिदृश्य पर कहा, “पिछली सरकार ने खेलों पर जरा भी ध्यान नहीं दिया था। मैंने आने के बाद राज्य की खेल नीति में पूरा  बदलाव किया है, नगद पुरस्कारों में वृद्धि की है और सरकारी नौकरियों में खिलाड़ियों के लिए हर विभाग में तीन प्रतिशत आरक्षण किया है। हमने यह भी  सुनिश्चित किया है कि खिलाड़ियों की परीक्षा आपस में होगी और उन्हें जनरल वर्ग से प्रतिस्पर्धा नहीं करनी पड़ेगी।” 
 
डोपिंग को लेकर सख्त रूख अपनाते हुए पंजाब के खेल मंत्री ने कहा, “हमने पंजाब में डोपिंग टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। किसी भी विभाग, पुलिस और सशस्त्र बलों में नौकरी दिए जाने से पहले खिलाड़ी का डोपिंग टेस्ट होगा और नौकरी मिलने के बाद भी उनका औचक टेस्ट होता रहेगा।” 
 
सोढी ने माना कि पिछले कुछ वर्षों मे पंजाब के खेल भटक गए थे। इसके लिए नशाखोरी एक बड़ा कारण थी, जिसके चलते प्रदेश के युवा बर्बादी की कगार पर पहुंच गए थे। प्रतिबंधित दवाओं का सेवन खेलों में भी बढ़ा और कई खिलाड़ी चपेट मे आए। लेकिन सख्ती के कारण हालात अब सुधरे हैं और युवा डोपिंग से  तौबा कर रहे हैं। 
 
खेल मंत्री ने कहा, “पंजाब में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। मैं यकीन दिलाता हूं अगले दो वर्षों में पंजाब देश के शीर्ष तीन खेल राज्यों में शुमार हो जाएगा। पंजाब में खेलों ने फिर रफ्तार पकड़ ली है और 2020 टोक्यो ओलम्पिक में इसका असर दिखाई देगा जहां पंजाब के दो-तीन से ज्यादा  खिलाड़ी पदक जीतेंगे।” 
 
उन्होंने बताया कि पंजाब ने हाल में पुणे में हुए दूसरे खेलो इंडिया यूथ गेम्स 72 पदक जीते थे और वह तालिका में सातवें स्थान पर रहा था। उनके  अनुसार भारतीय हॉकी टीम में पंजाब के नौ खिलाड़ी मौजूद हैं। एशियाड और राष्ट्रमंडल खेलों  के कई पदक विजेता एथलीट भी यहीं से निकले हैं। 
 
खेल मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने जिन खेलों को अपनी प्राथमिकता में शामिल किया है उनमें हॉकी, एथलेटिक्स, फुटबॉल, शूटिंग, कबड्डी, कुश्ती, मुक्केबाजी शामिल हैं। इसके अलावा स्टेडियमों की दशा भी सुधारी जा रही है जिससे खिलाड़ियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं मिलें। 
 
सोढी ने कहा कि पंजाब सरकार ने पुरस्कार राशि में भी बदलाव किया है और ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता को जहां ढाई करोड़ रुपए मिलेंगे जबकि  राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के स्वर्ण विजेता को एक-एक करोड़ रुपए मिलेंगे।
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