फुटबॉल के प्रशंसक ज्यादा शोर मचाते हैं या क्रिकेट के, सवाल लेकर लौटे डेविड बैकहम
दिग्गज फुटबॉलर डेविड बैकहम बुधवार को यहां वानखेड़े स्टेडियम के जोशीले माहौल से मंत्रमुग्ध हो गए। बैकहम उस मैच के गवाह बने जिसमें विराट कोहली ने वनडे में 50वां शतक लगाकर सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ा, मोहम्मद शमी ने सात विकेट लेकर नया भारतीय रिकॉर्ड बनाया और भारत ने न्यूजीलैंड को 70 रन से हराकर विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई।बैकहम ने जब सचिन तेंदुलकर के साथ स्टेडियम में प्रवेश किया तो हजारों दर्शकों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। स्टार फुटबॉलर ने वानखेड़े के माहौल को देखकर कहा,ऊर्जा से भरपूर, जोशीला और अविश्वसनीय।
लेकिन वह यह तय नहीं कर पा रहे थे कि फुटबॉल के प्रशंसक ज्यादा शोर मचाते हैं या क्रिकेट के।उन्होंने कहा, आप जानते हैं क्या। मैं हमेशा फुटबॉल के प्रशंसक कहूंगा लेकिन आज यहां का माहौल देखकर मैं अब पक्के तौर पर कुछ नहीं कह सकता। यहां का माहौल अविश्वसनीय है। दर्शकों ने पूरे माहौल को जोशीला बना रखा है इसलिए मैं इसको लेकर निश्चित नहीं हूं।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने गुरुवार को एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें बैकहम ने कहा कि वानखेड़े स्टेडियम के अनुभव ने उन्हें रोमांचित कर दिया।उन्होंने कहा, स्टेडियम में प्रवेश करते ही मैं रोमांचित हो गया था। इसने कुछ खास था। ऐसा इसलिए भी हो सकता है क्योंकि मैं सचिन के साथ था जिससे यह और विशेष बन गया था। लेकिन मैं स्टेडियम के भीतर की ऊर्जा को महसूस कर सकता था।
बैकहम यूनिसेफ के सद्भावना दूत के रूप में भारत आए हैं। वह 2005 से यह भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने तेंदुलकर और भारतीय टीम के खिलाड़ियों से मिलने को बेहद खास करार दिया।उन्होंने कहा,मैं सचिन से पहली बार विंबलडन में मिला था और तब उनसे मिलना बहुत खास था। वह विशिष्ट व्यक्ति हैं। इसलिए उनके घर में उनके साथ कुछ समय बिताना और खिलाड़ियों से मिलना भी बहुत खास रहा।
(भाषा)