भारत के करिश्माई फुटबॉल खिलाड़ी सुनील छेत्री ने स्वीकार किया है कि वह अपने करियर के बोनस पीरियड में हैं लेकिन उन्होंने संन्यास लेने की कोई तारीख तय नहीं की है।हालांकि यह तय है कि 39 साल के छेत्री 2026 में नहीं खेलेंगे जब फुटबॉल विश्व कप का आयोजन किया जाएगा।
छेत्री ने इस महीने होने वाले भारत के विश्व कप 2026 के दूसरे दौर के क्वालीफायर से पूर्व कहा, मुझे खुशी है कि मैं यहां हूं। यह मेरे लिए बोनस पीरियड है, मैं सिर्फ इसका लुत्फ उठा रहा हूं। मुझे नहीं पता कि यह कब समाप्त होगा। मैं सिर्फ इसका लुत्फ उठाना चाहता हूं।
फीफा.कॉम ने छेत्री के हवाले से कहा, मैं 39 बरस का हूं इसलिए जहां तक मैदान पर उतरने का सवाल है तो मेरे कोई दीर्घकालीन लक्ष्य नहीं हैं। मैं अगले तीन महीने के बारे में सोचता हूं और फिर अगले तीन महीने के बारे में और फिर देखते हैं कि क्या होता है।
भारत को ग्रुप ए में कतर, कुवैत और अफगानिस्तान के साथ रखा गया है। टीम 16 नवंबर को कुवैत से उसकी सरजमीं पर खेलेगी जबकि 21 नवंबर को भुवनेश्वर में कतर से भिड़ेगी।प्रत्येक नौ ग्रुप का विजेता और उप विजेता 2026 विश्व कप क्वालीफायर के तीसरे दौर में जगह बनाएगा। तीसरे दौर में 18 टीमों को छह टीम के तीन ग्रुप में बांटा जाएगा।
प्रत्येक ग्रुप से शीर्ष दो टीम 2026 विश्व कप के लिए सीधे क्वालीफाई करेंगी जबकि तीसरे और चौथे स्थान की टीम चौथे दौर में जगह बनाएंगी जहां से एशियाई क्षेत्र से दो और क्वालीफायर का फैसला होगा।जून 2026 में जब अगला विश्व कप होगा तो छेत्री 42 साल के होने वाले होंगे और उन्होंने स्वीकार किया कि इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में खेलना शायद उनके लिए संभव नहीं हो।
छेत्री ने कहा, जब मैं सपने देखता हूं, तो मैं एक भारतीय के रूप में, एक प्रशंसक के रूप में अधिक सपने देखता हूं। मैं किसी भी क्षमता में वहां मौजूद हूं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि मुझे पता है कि मैं एक प्रशंसक बनूंगा। मैं भारत द्वारा खेले जाने वाले हर मैच को देखूंगा और अपने देश की हौसलाअफजाई करूंगा।
उन्होंने कहा, फिलहाल, मैं शारीरिक रूप से बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। मैं देख सकता हूं कि मैं टीम के लिए योगदान दे रहा हूं, अपने देश और अपने क्लब दोनों के लिए। जब तक मैं इसका आनंद ले रहा हूं, मैं खेलता रहूंगा।
छेत्री ने कहा, मुझे नहीं पता कि कितने दिन, कितने महीने, कितने साल बचे होंगे। जिस दिन मैं लुत्फ उठाना बंद कर दूंगा और जिस दिन मैं योगदान नहीं दे पाऊंगा, मेरा काम खत्म हो जाएगा।
छेत्री ने 2005 में पदार्पण करने के बाद से 143 बार भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए 93 गोल किए हैं जो किसी भारतीय द्वारा सबसे अधिक गोल हैं। वह वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में सक्रिय खिलाड़ियों के बीच क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेस्सी के बाद तीसरे सबसे अधिक गोल करने वाले खिलाड़ी हैं।
उन्होंने कहा कि 2019 में कार्यभार संभालने वाले मुख्य कोच इगोर स्टिमक के नेतृत्व में राष्ट्रीय टीम विकसित हुई है।फुटबॉल के मैदान से दूर, छेत्री की पत्नी सोनम भट्टाचार्य ने अगस्त में बेटे ध्रुव को जन्म दिया। छेत्री ने कहा कि इससे जीवन के प्रति उनका नजरिया बदल गया है।
उन्होंने कहा, शुरुआती पांच दिन तक मुझे रोमांच के कारण नींद नहीं आई। मैं पूरी रात जागकर बस उसे देखता रहा और उससे बात करता रहा। छठे दिन मेरी पत्नी ने मुझसे कहा कि मुझे अलग कमरे में सोना होगा क्योंकि वह चिंतित थी कि मैं बहुत थक गया था।
छेत्री ने कहा,यह एक ऐसा अनुभव है जिसे केवल महसूस किया जा सकता है। एक बार जब आप अपने बच्चे को गोद में लेते हैं तो यह अविश्वसनीय होता है। जब मैंने अपने बेटे को पहली बार गोद में लिया तो आपके बारे में सब कुछ बदल जाता है, जीवन के बारे में आपके सोचने का तरीका बदल जाता है।
उन्होंने कहा, मैं जहां भी रहूं बस घर वापस जाना चाहता हूं। जब भी मैं कहीं दूर यात्रा पर जाता हूं तो खेल खत्म करके घर वापस जाना चाहता हूं।विश्व कप में 48 टीम के हिस्सा लेने के कारण एशियाई को सीधे आठ स्थान मिलेंगे लेकिन इसके बावजूद भारत के 2026 विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने की संभावना बेहद कम है। छेत्री ने हालांकि कहा कि अगर ऐसा होता है तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी।
उन्होंने कहा, जब ऐसा होगा तो देश पागल हो जाएगा। एक भारतीय के रूप में यह मेरे जीवन के सबसे अच्छे दिनों में से एक होगा। मेरे पास उस दिन के बारे में बहुत सारे सपने हैं। यह बहुत बड़ा होने वाला है।
(भाषा)