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Last Updated : बुधवार, 25 जुलाई 2018 (19:26 IST)

मुक्केबाजी महासंघ की निगाहें अगले साल एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर की मेजबानी पर

मुक्केबाजी महासंघ की निगाहें अगले साल एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर की मेजबानी पर - Boxing Federation eyes eyes next year on hosting Asian Olympic qualifiers
नई दिल्ली। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) अगले साल एक ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट की मेजबानी के अधिकार हासिल करने की कोशिश करेगा। बीएफआई पुरूष और महिला विश्व चैम्पियनशिप के अधिकार हासिल करने के बाद देश को बड़ा टूर्नामेंट लाने के प्रयास के जारी रखना चाहेगा।
 
 
बीएफआई के एक शीर्ष अधिकारी ने गोपनीयता रूप से कहा, चर्चाए चल रही हैं। योजना बनाई जा रही है और बीएफआई एक ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट भारत लाने की कोशिश करेगा। यह लंबी प्रक्रिया है लेकिन पहला कदम उठाया जा चुका है। 
 
अगर महासंघ इसमें सफल रहता है तो भारत में पहली बार किसी ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट की मेजबानी की जाएगी। भारतीय एमेच्योर मुक्केबाजी महासंघ ने भी बीते समय में एशियाई क्वालीफायर मेजबानी अधिकार हासिल करने के लिए इसके प्रयास किए थे लेकिन वे सफल नहीं हो पाए थे। 
 
लेकिन बीएफआई ने पिछले साल कुछ टूर्नामेंट की मेजबानी अधिकार हासिल किए जिसमें से इस साल होने वाली महिला विश्व चैम्पियनशिप और 2020 पुरूष विश्व चैम्पियनशिप शामिल रही। 
 
अधिकारी ने कहा, महिला विश्व चैम्पियनशिप नवंबर में नई दिल्ली में होगी। इसका स्थान इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम होने की संभावना है, जो महिलाओं के लिए राष्ट्रीय शिविर का आधार स्थल भी है।
 
बीएफआई पुरूषों की 2019 विश्व चैम्पियनशिप की मेजबानी भी करना चाहता था जो ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट भी है लेकिन वह रूस से पिछड़ गया। विश्व चैम्पियनशिप हमेशा ही पहले ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट होते हैं जिसके बाद महाद्वीपीय क्वालीफायर होते हैं। 
 
रियो ओलंपिक से पहले अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) ने पेशेवर मुक्केबाजों के लिए भी एक टूर्नामेंट आयोजित किया था जो खेलों के लिए अंतिम क्वालीफाइंग प्रतियोगिता बन गई थी। 
 
इसके अलावा मुक्केबाज अर्ध-पेशेवर विश्व सीरीज ऑफ बाक्सिंग के जरिए भी मुक्केबाजों ने ओलंपिक कट हासिल किया जिसमें भारत ने पिछले साल एक टीम भी बनाई। हालांकि यह सबसे कठिन ओलंपिक क्वालीफायर होता है लेकिन भारत कुछ कोटा स्थान हासिल करने की कोशिश करेगा। 
 
पुरूष और महिला दोनों टीमें इंडोनेशिया में अगले महीने होने वाले एशियाई खेलों की तैयारियों के लिए इस समय इंग्लैंड में तैयारियों में जुटी हैं। केवल तीन भारतीय मुक्केबाज - शिव थापा, मनोज कुमार और विकास कृष्ण - ही 2016 में पिछले ओलंपिक में क्वालीफाई करने में सफल रहे थे। देश ने रियो में एक भी पदक नहीं जीता था। इससे पहले विजेंदर ने 2008 बीजिंग खेलों में ऐतिहासिक कांस्य पदक प्राप्त किया था। (भाषा)
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