हॉकी दिग्गज बलबीर सिंह सीनियर की हालत अब भी नाजुक
चंडीगढ़। महान हॉकी खिलाड़ी और तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बलबीर सिंह सीनियर को सांस लेने में तकलीफ के कारण यहां अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। अपने जमाने के दिग्गज सेंटर फारवर्ड 94 वर्षीय बलबीर सीनियर का पीजीआई अस्पताल के आपात चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में उपचार चल रहा है और उनका इलाज कर रहे चिकित्सकों ने उनकी हालत नाजुक बताई है।
एक वरिष्ठ चिकित्सक ने गुरुवार को बताया कि बलबीर सीनियर को वेंटीलेटर पर रखा गया है और उनकी हालत पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने कहा, ‘उन्हें अभी वेंटीलेटर पर रखा गया है और लगातार उनकी स्थिति की जांच की जा रही है।’
बलबीर सीनियर को श्वसन संबंधी गंभीर बीमारी है और उनका रक्तचाप भी घट बढ़ रहा है। इससे पहले उनके उपचार से जुड़े एक चिकित्सक ने बताया कि उनकी श्वास प्रणाली में सांस लेने के लिए नली लगाई गई है। चिकित्सक ने कहा, ‘यह नली इसलिए लगाई गई है ताकि वह आसानी से सांस लेते रहें। इस दिग्गज खिलाड़ी को बुधवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने इस दिग्गज खिलाड़ी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।’ राठौड़ ने ट्वीट किया, ‘हमारे देश के गौरव, हमारे हॉकी दिग्गज श्री बलबीर सिंह सीनियर के जल्द स्वस्थ होने और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं। जल्द स्वस्थ हो जाओ सर।’ पंजाब और हरियाणा के हाकी प्रशंसक भी उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना कर रहे हैं।
लंदन ओलंपिक 2012 में उन्हें आधुनिक ओलंपिक इतिहास के 16 महान खिलाड़ियों में चुना गया था और इस सूची में वह अकेले भारतीय थे। ओलंपिक में पुरुष हॉकी फाइनल में सर्वाधिक गोल का उनका रिकॉर्ड अभी भी बरकरार है। उन्होंने हेलसिंकी ओलंपिक 1952 में नीदरलैंड के खिलाफ फाइनल में भारत की 6-1 से जीत में पांच गोल किए थे।
उन्हें 1957 में पद्मश्री मिला था और वह 1975 विश्व कप विजेता भारतीय टीम के मैनेजर भी थे। बलबीर सीनियर लंदन (1948), हेलंसिकी (1952) और मेलबोर्न (1956) में स्वर्ण पदक जीतने वाली हॉकी टीम के सदस्य थे। मेलबोर्न ओलंपिक खेलों में वह टीम के कप्तान भी थे।