भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया और रवि कुमार ने रोम रैंकिंग सीरीज टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता
रोम। भारतीय स्टार पहलवान बजरंग पूनिया और रवि कुमार दहिया ने यहां रोम रैंकिंग सीरीज टूर्नामेंट में अपने वजन वर्गों में स्वर्ण पदक जीतकर ओलंपिक वर्ष में शानदार शुरुआत की। बजरंग ने 65 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग के फाइनल में अमेरिका के जोर्डन माइकल ओलिवर के खिलाफ शानदार वापसी करते हुए 4-3 से जीत हासिल की।
रवि अपने नियमित 57 किग्रा के बजाय 61 किग्रा वर्ग में भाग ले रहे हैं। उन्होंने शनिवार की रात फाइनल में कजाखस्तान के नुरबोलाट अब्दुलीयेव पर 12-2 से जीत हासिल कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। सोनीपत के 23 साल के इस पहलवान ने मोलदोवा के एलेक्सांद्रू चिरतोआका और कजाखस्तान के नुरीस्लाम सानायेव पर शानदार जीत के बाद फाइनल दौर में प्रवेश किया था।
भारत के टोक्यो ओलंपिक में पदक के प्रबल दावेदार 25 साल के बजरंग के खिलाफ मुकाबले में हारने के बाद ओलिवर ने ट्वीट करते हुए स्वीकार किया कि यह मेरी रात नहीं थी। अमेरिकी पहलवान ने बजरंग की प्रतिस्पर्धी जज्बे की प्रशंसा की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘यह मेरी रात नहीं थी। लेकिन मैं जहां पहुंचना चाहता हूं, उसके लिए मुझे काफी काम करने की जरूरत है। बजरंग पूनिया शानदार, तुम कड़े प्रतिद्वंद्वी हो।’
बजरंग को हालांकि पहले दौर में अमेरिका के जैन एलेन रदरफोर्ड के खिलाफ पसीना बहाना पड़ा था, लेकिन वह 5-4 से जीत हासिल करने में सफल रहे थे। क्वार्टरफाइनल में शीर्ष भारतीय पहलवान ने एक और अमेरिकी जोसफ क्रिस्टोफर मैक केना को 4-2 से और फिर सेमीफाइनल में यूक्रेन के वासिल शुपतार को 6-4 से शिकस्त दी थी।
हालांकि जितेंदर का 74 किग्रा में और विश्व चैम्पियनशिप के रजत पदकधारी दीपक पूनिया का 86 किग्रा में सफर समाप्त हो गया है। जितेंदर ने पहले दौर में यूक्रेन के डेनिस पावलोव को 10-1 से हराया था लेकिन वह क्वार्टरफाइनल में तुर्की के सोनेर देमिरतास से 0-4 से हार गए।
उन्हें रेपेचेज में खेलने का मौका मिला क्योंकि देमिरतास फाइनल में पहुंच गए थे। पर यह भारतीय इस मौके का फायदा नहीं उठा सका और कजाखस्तान के दानियार काईसानोव से 2-9 से पराजित हो गया। वहीं 86 किग्रा वर्ग में दीपक को शुरुआती दौर में पुअर्तो रिको के इथान एड्रियन रामो से 1-11 से शिकस्त का सामना करना पड़ा।