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Last Modified: शनिवार, 17 दिसंबर 2016 (16:18 IST)

अदिति अशोक ने गोल्फ में भारत के लिए गाड़े झंडे

अदिति अशोक ने गोल्फ में भारत के लिए गाड़े झंडे - Aditi Ashok, golf, India, Olympic, History
नई दिल्ली। युवा अदिति अशोक ने बीते वर्ष भारतीय गोल्फ में नया इतिहास रचा और अन्य पेशेवर खिलाड़ियों ने भी उम्दा प्रदर्शन किया जिससे भारतीय गोल्फ के लिए 2016 प्रभावशाली रहा जबकि इसी वर्ष इस खेल ने 1 शताब्दी से अधिक समय बाद ओलंपिक में वापसी की।
 
भारतीय गोल्फ की स्टार 18 साल की अदिति रही जिन्हें लेडीज यूरोपीय टूर की साल की उभरती हुई खिलाड़ी भी चुना गया। इस दौरान वे टूर पर अपने पहले साल में लगातार 2 खिताब जीतने वाली पहली भारतीय भी बनीं।
 
पुरुषों में अनिर्बान लाहिड़ी को मिश्रित सफलता मिली लेकिन एसएसपी चौरसिया और गगनजीत भुल्लर ने खिताबों के साथ वापसी की जिससे इस खेल में भारत का प्रभावशाली प्रदर्शन जारी रहा। लाहिड़ी इस दौरान चौरसिया के साथ रियो ओलंपिक में खेलने पहले पहले भारतीय बने।
 
लाहिड़ी मकाऊ ओपन और सीआईएमबी क्लासिक में खिताब जीतने के करीब पहुंचे लेकिन बाद में क्रमश: दूसरे और संयुक्त तीसरे स्थान पर रहे। बेंगलुरु के इस गोल्फर ने सत्र की शुरुआत में इंडियन ओपन के अपने खिताब का सफलतापूर्वक बचाव कर ही लिया था लेकिन अंत में चौरसिया के हाथों उन्हें 2 शॉट से शिकस्त का सामना करना पड़ा जिससे कोलकाता के गोल्फर ने ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई किया।
 
इस साल यूरेशिया कप और गोल्फ विश्व कप में भी खेलने वाले चौरसिया ने रिसॉर्ट्स विश्व मनीला मास्टर्स के रूप में अपना सत्र का दूसरा खिताब जीता, जो भारत के बाहर उनका पहला एशियाई टूर खिताब है। भुल्लर ने इस साल जोरदार वापसी करते हुए शिनहान डोंगहेई ओपन के रूप में अपना छठा एशियाई टूर खिताब जीता। उन्होंने पिछले महीने हमवतन जीव मिल्खा सिंह को पछाड़कर अपने करियर में दूसरी बार इंडोनेशिया ओपन का खिताब भी जीता।
 
महिला गोल्फ में हालांकि अदिति ही छाई रहीं। बेंगलुरु की यह गोल्फर लैला आइचा टूर स्कूल जीतने वाली पहली भारतीय बनीं और अपना लेडीज टूर कार्ड बचाया। उन्होंने रियो ओलंपिक में कुछ समय के लिए बढ़त भी बनाई। 
 
ऑस्ट्रेलिया में विक्टोरिया ओपन में पेशेवर पदार्पण करने वाली अदिति ने लेडीज यूरोपीय टूर में लगातार 4 टूर्नामेंटों में शीर्ष 10 में जगह बनाई। वे महिला इंडियन ओपन जीतकर यूरोपीय लेडीज टूर प्रतियोगिता जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। उन्होंने इसके बाद कतर लेडीज ओपन के रूप में अपना लगातार दूसरा खिताब जीता। उन्होंने फ्लोरिडा में क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में संयुक्त 24वें स्थान के साथ एलपीजीए में खेलने के आंशिक अधिकार भी हासिल किए। (भाषा)    
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