ओलिम्पियन एथलीट उड़नपरी पीटी उषा की कथित उपेक्षा और उनके ठहरने का उचित प्रबंध न किए जाने से जुडे मामले की मध्यप्रदेश सरकार ने जाँच के आदेश दिए हैं।
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इस मामले की जाँच राज्य के खेल संचालक और भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी संजय चौधरी करेंगे। चौधरी आज सुबह 10.30 बजे यहाँ जहांनुमा पैलेस होटल भी पहुँचे, जहाँ उषा को कल देर रात राज्य के उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के हस्तक्षेप के बाद ठहराया गया था।
गौरतलब है कि यहाँ स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) मध्यक्षेत्र सेंटर के एक कार्यक्रम और मध्यप्रदेश एथलेटिक्स एसोसिएशन की मेजबानी में आयोजित राष्ट्रीय सीनियर एथलेटिक्स स्पर्धा के सिलसिले में सोमवार की सुबह भोपाल पहुँची उषा को हवाईअड्डे पर लेने कोई नहीं पहुँचा था।
बाद में जब वह जैसे तैसे साईं सेंटर पहुँची तो वहाँ भी केंद्रीय खेल और युवा मामलों के मंत्री एमएस गिल के कार्यक्रम में व्यस्त अधिकारियों और कर्मचारियों ने कथित रूप से उनकी उपेक्षा की। इस घटनाक्रम से क्षुब्ध उषा स्वयं अपनी व्यवस्था से शाम को इंडियन काफी हाउस के होटल पहुँची और वहीं ठहर गईं।
बाद में मीडिया से चर्चा के दौरान ऊषा का दर्द फूट पडा और बहते आंसुओं के बीच उन्होंने कहा कि देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं होना चाहिए।
इस बात की जानकारी मिलने पर मध्यप्रदेश एथलेटिक्स एसोसिएशन के सचिव मुमताज खान भी कल रात होटल पहुँचे। इस बीच राज्य के उद्योग मंत्री और इंदौर डिवीजनल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश विजयवर्गीय भी उषा से मिलने पहुँचे और और उन्हीं की पहल पर उड़नपरी के रूकने की व्यवस्था राजधानी के हेरीटेज होटल जहांनुमा पैलेस में की गईं और उषा रात करीब ।2.30 बजे होटल पहुँची।
विजयवर्गीय ने कहा कि यह घटना अत्यंत दु:खद है और हम उन कारणों की तह तक पहुँचेंगे जिसके चलते ऐसा हुआ। उन्होंने कहा कि उषा देश की गौरव हैं और वह मध्यप्रदेश सरकार की अतिथि हैं।
उन्होंने कहा कि उषा के रूकने की व्यवस्था साई की ओर से की गई थी और इस बारे में राज्य सरकार को कोई जानकारी नहीं थी। उड़नपरी के यथोचित सम्मान का और उनके रूकने आदि की व्यवस्था का दायित्व साई और मध्यप्रदेश एथलेटिक्स एसोसिएशन का था लेकिन इसमें गड़बड़ी क्यों हुई, यह जाँच का विषय है।
उल्लेखनीय है कि उडनपरी के यहाँ रूकने की व्यवस्था साई की ओर से की गई थी, लेकिन केंद्रीय खेल मंत्री के कल साई में खेल और प्रशिक्षक आवास के उदघाटन से जुडे़ कार्यक्रम में अधिकारियों और कर्मचारियों के व्यस्त होने के कारण कथित रूप से यह गफलत हुई और इससे उषा ने खुद को अपमानित महसूस किया।
इस घटना की खेल जगत में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। विभिन्न खेल संगठनों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उषा का अपमान दर्शाता है कि किस तरह हमारे यहाँ क्रिकेट के अलावा दूसरे खेलों के खिलाड़ियों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार होता है।
इस मामले को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया भी सामने आई है। ओलिम्पिक मुक्केबाज अखिल कुमार और जीतेंद्र कुमार ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि सम्मान सभी का होता है चाहे वह आम व्यक्ति हो या खिलाड़ी।
हालाँकि उन्होंने कहा कि इस मामले को बहुत अधिक तूल भी नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि कई बार साई या खेल महकमे से जुडे निचले स्तर के कर्मचारी दिग्गज खिलाड़ियों को पहचानते नहीं है और इसकी वजह से भी कुछ देर के लिए इस तरह की परिस्थितियाँ बन जाती हैं।
अखिल ने कहा कि ऊषा देश का गौरव हैं और हम लोग इतने निष्ठुर नहीं है कि उनके सम्मान की परवाह न करें। देश में कॉमनवेल्थ खेलों की तैयारियाँ जोरशोर से चल रही हैं, ऐसे में मीडिया को भी इस मामले को लेकर संयमित रूख बरतना चाहिए क्योंकि इससे अन्य खिलाड़ियों के मनोबल पर असर पड़ सकता है।