Last Modified: रूस्टेनबर्ग ,
शुक्रवार, 25 जून 2010 (07:53 IST)
डेनमार्क को हराकर जापान अंतिम 16 में
केईसुक होंडा और याशुहिता इंडो के फ्री किक पर दागे गोलों की मदद से जापान फीफा विश्व कप के ग्रुप ई के अहम मैच में डेनमार्क को 3-1 से हराकर अंतिम 16 प्रवेश करने में सफल रहा।
जापान की ओर से होंडा (17वें मिनट), इंडो (30वें मिनट) और शिंजी ओकाजाकी (87वें मिनट) ने गोल दागे जबकि डेनमार्क की ओर से मैच का एकमात्र गोल जॉन डाहल टोमासन (81वें मिनट) ने किया।
एशियाई दिग्गज इस जीत के साथ तीन मैचों में दो जीत और एक हार से छह अंक के साथ प्री क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने में सफल रहा और अब क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने के लिए 29 जून को ग्रुप एफ की चोटी की टीम पैराग्वे से भिड़ेगा। इस ग्रुप से हॉलैंड चोटी पर रहा जिसने एक अन्य मैच में केपटाउन में कैमरून को 2-1 से हराया।
दूसरी तरफ डेनमार्क तीन मैचों में एक जीत और दो हार से तीन अंक ही जुटा सका जो उसे अंतिम 16 में जगह दिलाने के लिए नाकाफी थे।
जापान को नॉकआउट में जगह बनाने के लिए केवल ड्रॉ की दरकार थी जबकि डेनमार्क को दूसरे दौर में जाने के लिए हर हाल में जीत की जरूरत थी।
दोनों टीमों ने मैच के शुरुआत में ही काफी अच्छे मूव बनाये। डेनमार्क को शुरूआती मौका मिला लेकिन साइमन पोलसन के क्रास को टोमासन अपने कब्जे में लेने में असफल रहे। जापान ने इसके बाद पलटवार करते हुए लगातार दो मौके बनाये लेकिन गोल के करीब से लगाए होंडा के शाट को गोलकीपर थॉमस सोरेनसन ने नाकाम कर दिया जबकि कप्तान माकोटो हसीबी का शाट गोलपोस्ट के बगल से निकल गया।
जापान ने इसके बाद 17वें मिनट में होंडा के शाट की मदद से बढ़त बनाई। टीम को 35 यार्ड की दूरी पर फ्री किक मिली जिस पर होंडा ने दनदनाता हुआ शाट मारा जो डेनमार्क के डिफेंडरों की दीवार के उपर से निकलता हुआ सोरेनसन को छकाता हुआ बाईं ओर से गोल में समा गया। इसमें सोरेनसन की भी गलती रही जो शॉट को परखने में नाकाम रहे और पहले दाईं ओर जाने लगे और इस दौरान अहम समय गंवा बैठे।
इंडो ने इसके बाद 30वें मिनट में फ्री किक पर एक और गोल दागकर जापान की बढ़त को दोगुना कर दिया। इंडो ने इस बार गेंद को दाईं छोर से गोल के अंदर पहुँचाया जबकि सोरेनसन अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने के बाद भी गेंद तक नहीं पहुँच पाए।
डेनमार्क ने जापान के खिलाफ अपने खिलाड़ियों की अधिक लंबाई को हथियार बनाने की कोशिश की लेकिन एशियाई टीम ने अपनी तेजी से उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। मध्यांतर तक जापान की टीम 2-0 से आगे रही।
दो गोल से पिछड़ रहे डेनमार्क ने मध्यांतर के बाद कई अच्छे मूव बनाकर जापान पर दबाव बनाने की कोशिश की लेकिन उसके शुरुआती प्रयास विफल रहे। जापान ने भी पलटवार किया और इंडो मैच में अपना दूसरा गोल दागने के करीब पहुँचे। उन्होंने लंबी दूसरी से फ्री किक को हवा में लहराया और सोरेनसन एक बार फिर इसे परखने में चूक गए लेकिन डेनमार्क के इस गोलकीपर ने अंतिम लम्हों में गोता लगाते गोल होने से बचा लिया।
डेनमार्क ने इसके बाद दबाव बढ़ाया लेकिन जापान के गोलकीपर एजी कावाशीमा ने पहले जेकब पोलसन के दनदनाते हुए शाट और फिर डेनियल एगर की फ्री किक को विफल कर दिया।
मकातो हासेबी के फाउल पर डेनमार्क को 80वें मिनट में पेनल्टी किक मिली। कावाशीमा ने एक बार फिर बेहतरीन गोलकीपिंग का नजारा पेश करते हुए टोमासन के शाट को रोक दिया लेकिन इस स्ट्राइकर ने रिबाउंड पर गोल दागकर स्कोर 1-2 कर दिया।
ओकाजाकी ने हालाँकि 87वें मिनट में गोलकर जापान को 3-1 की बढ़त दिला दी जो निर्णायक साबित हुई और दक्षिण कोरिया के बाद जापान नॉकआउट के लिए क्वॉलीफाई करने वाला दूसरा एशियाई देश बना। (भाषा)