जापानी और पराग्वे में जंग
दुनिया के सबसे बड़े महाद्वीप एशिया की फीफा विश्व कप में अब एकमात्र आस बची जापान की टीम मंगलवार को यहाँ फ्री किक में अपनी महारत के दम पर पराग्वे के मजबूत रक्षण को भेदकर पहली बार फुटबॉल महासमर के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने की कोशिश करेगी।पराग्वे भी आज तक विश्व कप में कभी अंतिम आठ में नहीं पहुँचा है और अपनी मजबूत रक्षापंक्ति के बलबूते पर वह पहली बार क्वार्टर फाइनल में पहुँचने का ख्वाब देख रहा है। पराग्वे ने ग्रुप चरण में केवल एक गोल खाया जबकि जापान केसुके होंडा और युसुहितो इंडो के डेनमार्क के खिलाफ 3-1 की जीत में फ्री किक परकिए गये गोल से ही आगे बढ़ पाया है।पराग्वे के कोच गेर्राडो मार्टिनो भी इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि जापान के खिलाफ उनकी टीम को अपने बाक्स के आसपास फाउल करने से बचन होगा। उन्होंने कहा हमने उस मैच में जो कुछ देखा उसे देखकर मैं यही कहूँगा कि हमें अपने बॉक्स के इर्द-गिर्द फाउल करने से बचना होगा। जापान का भी अपना डर है। उसकी खेल शैली समझना आसान है और उसकी चिंता यह होगी कि पराग्वे को फ्री किक की उसकी तकनीक का अध्ययन करने का अधिक समय मिल गया है।जापानी डिफेंडर तुलियो ने कहा हम यह कोशिश करनी होगी कि उन्हें हैरत में डालने के लिए हमें इस बार अपनी फ्री किक लेने के तरीके में कुछ बदलाव करना होगा। जापान की तेजी को भी पराग्वे कम करके नहीं आंका सकता क्योंकि इससे उन्हें ग्रुप ई में कैमरून और डेनमार्क पर जीत करने में मदद मिली थी जबकि वह केवल हॉलैंड से पराजित हुआ था।मार्टिनो ने कहा कि वह एक ऐसी टीम है जो अपनी रक्षापंक्ति मजबूत रखती है। उसकी बैकलाइन में चार और मिडफील्ड में पाँच खिलाड़ी होते हैं और आमतौर पर होंडा अग्रिम पंक्ति में रहता है। जब उन्हें गेंद मिलती है तो बहुत तेजी से जवाबी हमला बोलते हैं और हमें सबसे अधिक इसी को लेकर सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा कि जब भी उन्हें खाली जगह मिलती है तो उसके खिलाड़ी तेजी से आगे बढ़कर हमलावर बन जाते हैं और हमें इससे बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। पराग्वे ने ग्रुप-एफ में इटली के बाहर होने के कारण शीर्ष स्थान हासिल किया था।उसने पिछले चैंपियन इटली और न्यूजीलैंड के खिलाफ ड्रॉ खेला जबकि स्लोवाकिया को पराजित किया। उसने एकमात्र गोल इटली के खिलाफ 1-1 के ड्रॉ के दौरान खाया। ग्रुप चरण में केवल तभी पराग्वे के डिफेंस में किसी ने सेंध लगाई।जापान के कोच ताकेशी ओकादा भी इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि पराग्वे की रक्षापंक्ति बहुत मजबूत है। उन्होंने कहा कि पराग्वे की रक्षापंक्ति बेहद मजबूत है। उसकी टीम इकाई के तौर पर अच्छा प्रदर्शन करती है और वह पल भर में रक्षात्मक से हमलावर तेवर अपना देती है। जापान को हालाँकि दक्षिण अमेरिका की टीमों के खिलाफ विश्व कप में अब तक अच्छा रिकॉर्ड नहीं रहा है। वह 1998 में अर्जेंटीना से 1-0 से जबकि 2006 में ब्राजील से 4-1 से हार गया था। जापान इससे पहले 2002 में अंतिम सोलह में पहुँचा था तथा वह एशिया की एकमात्र टीम है जो विश्व कप में बची हुई है। दक्षिण कोरिया अंतिम सोलह में दक्षिण अमेरिका की एक अन्य टीम उरुग्वे से हारकर बाहर हो गया है। (भाषा)