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Written By वार्ता

खामोशी के साथ किया अविश्वसनीय जीत का स्वागत

FIFA WORLD CUP 2010 | FIFA WORLD CUP News | FIFA Football WORLD CUP | खामोशी के साथ किया अविश्वसनीय जीत का स्वागत
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आशातीत सफलता के स्वागत का इससे बढ़िया तरीका क्या हो सकता है। गुरुवार को रोमांचक संघर्ष में चैम्पियन इटली को 3-2 से हराकर विश्व कप फुटबॉल टूर्नामेंट के नाकआउट दौर में पहुँचने के बाद एक दूसरे से लिपटे स्लोवाकिया के खिलाड़ियों के भाव शून्य चेहरे और खेमे में छायी खामोशी बयाँ कर रही थी कि यह सफलता उनके लिए अकल्पनीय ही नहीं अविश्वसनीय भी थी।

आजाद देश के तौर पर पहली बार विश्व कप में खेल रहे स्लोवाकिया के खिलाड़ी मौजूदा विश्व विजेता टीम को हराने के बाद अपने फुटबॉलइतिहास के इन स्वर्णिम क्षणों पर विश्वास नहीं कर पा रहे थे। गौरतलब है कि अपने पहले मैच में पराग्वे के हाथों 0-2 से पिटने के बाद स्लावाकियाई खिलाड़ियों की खूब खिंचाई हुई थी। इस कारण टीम में अंदरूनी कलह जैसे हालात भी बन रहे थे।

इटली के खिलाफ मैच के बाद खिलाड़ी संवाददाताओं के सवालों का जवाब देने से बचते रहे। टीम मैनेजर भी मीडिया से नजरें चुराते रहे लेकिन उन्होंने कहा कि वह कोच और खिलाड़ियों के बीच रिश्तों में कोई खटास नहीं देखना चाहते हैं।

विजेताओं की तरह होगा न्यूजीलैंड टीम का स्वागत : न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जॉन की ने कहा है कि विश्व कप में यादगार प्रदर्शन के लिए टीम की स्वदेश वापसी पर उसका विजेताओं की तरह स्वागत किया जाएगा।

दूसरी बार विश्व कप खेल रहे न्यूजीलैंड हालाँकि टूर्नामेंट से पहले ही दौर में बाहर हो गया लेकिन उसने वहाँ कोई मैच नहीं गँवाया और जबर्दस्त उलटफेर करते हुए विश्व विजेता इटली की रूखसत का भी रास्ता खोल दिया था।

दुनिया के 78वें नंबर की इस टीम ने इससे पहले स्पेन में संपन्न वर्ष 1982 के विश्व कप में भाग लिया था और तब भी पहले दौर में सभी मैच हारकर बाहर हो गई थी। प्रधानमंत्री की ने स्थानीय मीडिया से कहा कि टीम का प्रदर्शन जश्न मनाने लायक है और वापसी पर उसका स्वागत विजेताओं की ही तरह होगा।

जोहानसबर्ग में लहराएँगे लाखों झंडे : मेजबान दक्षिण अफ्रीका ने विश्व कप फुटबॉल के पहले ही दौर से अपना बोरिया बिस्तर बँधने के बाद टूर्नामेंट का आकर्षण बनाए रखने के लिए अगले हफ्ते दस लाख झंडों की परेड की योजना बनाई है।

मशहूर कलाकार ऑर्थर म्फोकाते के अनुसार देश के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के जन्मदिन से ठीक 15 दिन पहले तीन जुलाई को यह परेड आयोजित की गई है, जिसमें लोग दक्षिण अफ्रीका कें साथ साथ टूर्नामेंट में खेल रहे अन्य देशों के झंडे लहराकर उन टीमों के प्रति अपने समर्थन का प्रदर्शन करेंगे।

फीफा और स्थानीय आयोजक काफी समय से आशंका जताते रहे हैं कि मेजबान टीम के जल्दी बाहर होने से मैदानों में दर्शकों की संख्या तो घटेगी ही, देश के श्वेत और अश्वेत समुदाय के बीच खाई पाटने का एक बेहतर मौका भी उम्मीद से कम कारगर होगा।

महाद्वीप की छह टीमों में से चार तो पहले दौर में ही बाहर हो चुकी है और केवल घाना किसी तरह अंतिम 16 में अपनी जगह पक्की कर पाया है। इस कारण स्थानीय दर्शकों की टूर्नामेंट में दिलचस्पी कम होती जा रही है।

गोल के भूखे हैं होंडा : जापानी फुटबॉल खिलाड़ी कुइसुके होंडा ने कहा है कि वह अपनी टीम को विश्व कप के अंतिम 16 में पहुँचाने भर से संतुष्ट नहीं है बल्कि आगे और गोल दागकर टूर्नामेंट में काफी दूर तक का सफर तय करना चाहते हैं।

उन्होंने डेनमार्क के खिलाफ जीत में शानदार प्रदर्शन करने वाले होंडा ने कहा कि इस मैच में वह उम्मीद से कमतर ही खेल पाए और इस सफलता से अतिउत्साहित नहीं हैं बल्कि पहली बार विदेशी धरती पर दूसरे दौर में खेलने के प्रति पूरी तरह सचेत हैं। उन्होंने 30 मीटर की दूरी से शानदार गोल करके मैच में जापान को बढ़त दिलाई थी। (वार्ता)