Last Modified: जोहानसबर्ग ,
शुक्रवार, 25 जून 2010 (19:29 IST)
इटली के कोच ने ली हार की जिम्मेदारी
FILE
फीफा विश्व कप टूर्नामेंट के पहले ही दौर में शर्मनाक ढंग से बाहर हो चुके मौजूदा चैम्पियन इटली के कोच मार्सेलो लिप्पी ने टीम की हार की आलोचना को स्वीकार करते हुए कहा है कि वह टीम के उम्रदराज खिलाड़ियों को प्रेरित नहीं कर सके और टूर्नामेंट में उनके खिलाड़ी डर के साए में खेले।
टूर्नामेंट के सबसे आसान ग्रुप में होने के बावजूद एक भी मैच नहीं जीत सके इटली के कोच को आखिरकार सच स्वीकार करना पड़ा। गुरुवार को उसे नवप्रवेशी स्लोवाकिया के हाथों 2-3 से पराजय का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही वह टूर्नामेंट से बाहर हो गया।
लिप्पी ने कहा कि मैं टीम के खराब प्रदर्शन की पूरी जिम्मेदारी लेता हूँ। मेरा मानना है कि यह टीम इससे बेहतर प्रदर्शन कर सकती थी और मैंने उसे इसके लिए तैयार भी किया था लेकिन जब आप खिलाड़ियों को डर से काँपते पैरों और दिल में खौफ लेकर खेलते देखते हैं तो आसानी से समझा जा सकता है कि आप नाकाम हो चुके हैं।
स्लोवाकिया के खिलाफ मुकाबले के आखिरी 10 मिनटों में इटली का आक्रमण भ्रम के जाल में फँस गया और लक्ष्य भेदने में नाकाम रहा। लिप्पी ने तीनों ग्रुप मैचों में अलग-अलग रणनीति अपनाई लेकिन वह कभी सही फार्मूला नहीं तलाश सके।
वर्ष 2006 की विश्व कप चैम्पियन टीम के कप्तान रहे लिप्पी ने कहा कि यह मेरी गलती है। मैं टीम को प्रेरित नहीं कर सका। जब ऐसी निराशाजनक बात होती है तो गलती हमेशा नेतृत्वकर्ता की मानी जाती है। (भाषा)