खुले में शौच से मुक्त हो देश, धर्मगुरुओं का संदेश
उज्जैन। प्रभु प्रेमी संघ के पंडाल में आचार्य महामंडलेश्वर जूना पीठाधीश्वर स्वामी श्री अवधेशानंद गिरि जी महाराज व परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के परमाध्यक्ष, गंगा एक्शन परिवार व क्षिप्रा एक्शन परिवार के संस्थापक तथा ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस के अंतरराष्ट्रीय सहसंस्थापक सहअध्यक्ष परम पूज्य स्वामी श्री चिदानंद सरस्वती एवं यूनिसेफ़ की प्रेरणा व सानिध्य में सर्वधर्म स्वच्छता संकल्प का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर स्वामी चिदानंद सरवती ने कहा कि लगभग 67% लोग खुले में शौच करते हैं और लगभग 1200 बच्चे प्रतिदिन अस्वच्छता के कारण मरते हैं। आज ही हमें इस पर कार्य करना होगा और श्रद्धा, समरसता, सद्भाव और स्वच्छता का यह कुंभ है और जब धर्म इसके लिए तैयार है, धर्मगुरु इसके लिए तैयार हैं तो हम सबके लिए यह बड़ी बात है। सूरज और संत एक जगह नहीं रुकते, कहने की नहीं अब करने की जरूरत है। उन्होंने लखनऊ में गंगा एक्शन परिवार की पहल पर गोमती एक्शन परिवार के माध्यम से गोमती शुद्धिकरण की बात कही।
आचार्य महामंडलेश्वर जूना पीठाधीश्वर स्वामी श्री अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि नीर से ये सृष्टि है, सभी की उत्पत्ति का आधार नीर है। पूजा से लेकर वजू तक नीर से ही किया जाता है। 2004 में 2% पीने लायक जल था जो अब मात्र ¾% रह गया है। आज की आवश्यकता है स्वच्छता के साथ संरक्षण।
महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद जी ने कहा कि मीडिया चतुर्थ स्तंभ नहीं बल्कि समाज का पहला स्तंभ है। संतों का झंडा, शासन का डंडा और पत्रकार की कलम त्रिवेणी बन सही दिशा ले ले तो यह कार्य शीघ्र सिद्ध हो जाए।
भाई मोहिंदर सिंह अहलूवालिया ने कहा कि धर्म केवल हिंदुस्तान का ही नहीं बल्कि विश्व मानवता का श्रृंगार है। इमाम उमर इलियासी ने कहा कि सारी मस्जिदें और सारे मंदिर यदि मिलकर इस कार्य को शुरू कर दें तो नदी, जल और स्वच्छता का यह कार्य जल्दी पूरा हो सकता है।
जैन धर्माचार्य आचार्य लोकेश मुनि जी ने कहा कि स्वच्छता और पर्यावरण की दिशा में यह एक अच्छी पहल है। लेह लद्दाख से पधारे बौद्ध भिक्षु संघसेन जी ने भी स्वच्छता और जल संरक्षण पर अपने विचार रखे। फादर बीजू जार्ज भी इस अवसर पर उपस्थित थे। मौलाना सैयद कल्बे सादिक जी ने कहा कि चिदानंद जी ने सारे धर्म गुरुओं को एक स्थान पर एकत्रित कर स्वच्छता और पर्यावरण मुहीम चलाने का बहुत बड़ा काम किया है। उन्होंने स्वामी चिदानंद को युवा संत कहकर इस कार्य को शुरू करने की शुभकामनाएं भी दीं।
इस अवसर पर मुख्य जत्थेदार ज्ञानी गुरुबचनसिंह, परमजीतसिंह चंडोक, सुई कोट्स मुख्य वाश प्रकोष्ठ यूनिसेफ, कर्लोने डेन मुख्य एडवोकेसी यूनिसेफ, स्वामी आदित्यानंद सरस्वती, श्री राम महेश मिश्रा, जर्मनी के स्वामी बीए परमाद्वेत, ब्रहाम्कुमारी डॉ. बिन्नी सरीन, पत्रकार शरद द्विवेदी भी उपस्थित थे।