श्रावण मास का तीसरा सोमवार 1 अगस्त को है, शुभ संयोग, संपूर्ण पूजा विधि और विशेष बातें
Sawan ka tisra somvar 2022: 1 अगस्त को श्रावण मास का तीसरे सोमवार रहेगा। सावन माह में सोमवार का खास महत्व होता है। तीसरे सोमवार को खास शुभ योग बन रहे हैं। श्रावण मास में शिव पूजा और व्रत का खास महत्व रहता है। दुर्लभ संयोग के शुभ मुहूर्त में पूजा और अभिषेक का खास महत्व रहेगा। ऐसे में जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
श्रावण सोमवार के शुभ संयोग :
शुक्ल पक्ष : यह शुक्ल पक्ष का पहला सोमवार है।
रवि योग : सुबह 05:30 से 06:53 तक।
आयुष्मान योग : दोपहर 03:31 तक।
सौभाग्य योग : दोपहर 03:32 से अगले दिन तक।
अन्य योग : ध्वांक्ष योग, ध्वजा (केतु) श्रीवत्स योग।
श्रावण सोमवार के शुभ मुहूर्त :
तिथि : चतुर्दशी 10:38 AM तक उसके बाद पूर्णिमा।
अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:37 से 12:29 तक।
विजय मुहूर्त : दोपहर 02:14 से 03:07 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:23 से 06:47 तक।
सायाह्न संध्या मुहूर्त : शाम 06:36 से 07:42।
अमृत काल मुहूर्त : शाम 06:55 से 08:20 तक।
शिव पूजा की विधि :
*शिवरात्रि के व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है।
*शिवरात्रि के दिन प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें।
*उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित कर उनका जलाभिषेक करें।
*फिर शिवलिंग पर दूध, फूल, धतूरा आदि चढ़ाएं। मंत्रोच्चार सहित शिव को सुपारी, पंच अमृत, नारियल एवं बेल की पत्तियां चढ़ाएं। माता पार्वती जी को सोलह श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं।
*इसके बाद उनके समक्ष धूप, तिल के तेल का दीप और अगरबत्ती जलाएं।
*इसके बाद ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
*पूजा के अंत में शिव चालीसा और शिव आरती का पाठ करें।
*पूजा समाप्त होते ही प्रसाद का वितरण करें।
*शिव पूजा के बाद शिवरात्रि व्रत की कथा सुननी आवश्यक है।
*व्रत करने वाले को दिन में एक बार भोजन करना चाहिए।
*दिन में दो बार (सुबह और सायं) भगवान शिव की प्रार्थना करें।
*संध्याकाल में पूजा समाप्ति के बाद व्रत खोलें और सामान्य भोजन करें।