मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. श्रावण मास विशेष
  4. Rudraksha benefits
Written By WD Feature Desk

सावन के महीने में रुद्राक्ष धारण करने से होता है भाग्योदय, जानिए कैसे चयन करें अपने लिए सही रुद्राक्ष

जानिए राशि के अनुसार कौन सा रुद्राक्ष धारण करना आपके लिए रहेगा उत्तम

Rudraksha benefits
Rudraksha benefits

Sawan 2024 Rudraksha benefits : श्रावण मास में अभिमंत्रित रुद्राक्ष धारण करना बेहद शुभ माना जाता है। पुराणों एवं ग्रंथों में रुद्राक्ष की अपार महिमा वर्णित है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रुद्राक्ष का महत्व रत्नों की भांति ही है।

वनस्पति जगत में रुद्राक्ष ही एकमात्र ऐसा फल है जो धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्रदान करने में पूर्ण प्रभावशाली है। रुद्राक्ष को साक्षात् शिवस्वरूप कहा गया है। रुद्राक्ष भगवान शिव को अतिप्रिय है, इसके दर्शन, स्पर्श तथा जप करने से समस्त पापों का हरण स्वतः ही हो जाता है। मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शंकर जी के आंसुओं की बूंदें गिरने से पृथ्वी पर रुद्राक्ष का वृक्ष उत्पन्न हुआ।ALSO READ: श्रावण में पहनें इतने मनकों वाला रुद्राक्ष, जानिए क्या हैं रुद्राक्ष धारण करने के लाभ

सावन में धारण करें रुद्राक्ष 
रुद्राक्ष को भगवान शिव का सबसे खास और प्रिय आभूषण कहा जाता है। रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति दीर्घायु होता है। इसे धारण करने से मन को शांति मिलती है और मानसिक परेशानियों से मुक्ति भी मिलती है। हृदय रोग और अशुभ ग्रहों के प्रभाव के मामले में रुद्राक्ष को धारण करने से विशेष लाभ होता है। रुद्राक्ष व्यक्ति के तेज और ओज में वृद्धि कराता है और पापों का नाश करता है।ALSO READ: Sawan Rudrabhishek 2024: ऐसे करेंगें रुद्राभिषेक तो मिलेगा पूजा का पूरा लाभ। जानिए सावन में रुद्राभिषेक की विधि और ज़रूरी पूजन सामग्री

रुद्राक्ष पर जितनी धारियां होती हैं, उतने ही मुख का रुद्राक्ष माना जाता है। ज्योतिष मर्मज्ञों के अनुसार प्रत्येक लग्न अनुसार रुद्राक्ष धारण करने से भाग्योदय, बाधा मुक्ति, स्वास्थ्य लाभ के साथ-साथ अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। 

कौनसी राशि के जातक को कौनसा रुद्राक्ष धारण करना चाहिए:
 मेष लग्न:- एक मुखी, तीन मुखी एवं पांच मुखी रुद्राक्ष।
 वृष लग्न:- चार मुखी, छह मुखी एवं चौदह मुखी रुद्राक्ष।
 मिथुन लग्न:- चार मुखी, पांच मुखी एवं तेरह मुखी रुद्राक्ष।
 कर्क लग्न:- तीन मुखी, पांच मुखी एवं गौरीशंकर रुद्राक्ष।
 सिंह लग्न:- एक मुखी, तीन मुखी एवं पांच मुखी रुद्राक्ष।
 कन्या लग्न:- चार मुखी, पांच मुखी एवं तेरह मुखी रुद्राक्ष।
 तुला लग्न:- चार मुखी, छह मुखी एवं चौदह मुखी रुद्राक्ष।
 वृश्चिक लग्न:- तीन मुखी, पांच मुखी एवं गौरी शंकर रुद्राक्ष।
 धनु लग्न:- एक मुखी, तीन मुखी एवं पांच मुखी रुद्राक्ष।
 मकर लग्न:- चार मुखी, छह मुखी एवं चौदह मुखी रुद्राक्ष।
 कुम्भ लग्न:- चार मुखी, छह मुखी एवं चौदह मुखी रुद्राक्ष।
 मीन लग्न:- तीन मुखी, पांच मुखी एवं गौरी शंकर रुद्राक्ष।
 ALSO READ: Sawan Somvar 2024: सावन में कौन-से 5 पौधों को लगाने से प्रसन्‍न होते हैं महादेव, जानिए क्या है धार्मिक महत्व

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
 
ये भी पढ़ें
विजया पार्वती व्रत की पौराणिक कथा, मिलेगा संतान सुख और अखंड सौभाग्य का वरदान