शिवरात्रि : शिव के दिव्य अवतरण का दिन
महाशिवरात्रि : भोलेनाथ की आराधना का दिन
भगवान शंकर के जन्मदिवस के रूप में मनाए जाने वाला धार्मिक पर्व 'महाशिवरात्रि' धूमधाम से मनाया जाएगा।
मान्यता है कि महाशिवरात्रि का दिन महाशुभ होता है इसलिए इस दिन से विभिन्न शुभ कार्यों की शुरुआत की जाती है। इनमें गृह प्रवेश, व्यवसाय आरंभ, विभिन्न निर्माण कार्य, पूजा-पाठ आदि कार्य संपन्न किए जाते हैं। ज्ञात हो कि प्रत्येक वर्ष के फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मंदिर में भक्तिभाव से मांगा हुआ वरदान महादेव अवश्य पूरा करते हैं। महाशिवरात्रि पर अपनी बुराइयों को त्याग कर अच्छाइयों को ग्रहण करने का पर्व माना जाता है। इस पर्व पर शिव की आराधना कर समस्त परेशानियों से छुटकारा पाया जा सकता है।
भगवान शंकर ने समुद्र मंथन के पश्चात निकले विष को अपने कंठ में धारण किया था। इसलिए इस दिवस पर भगवान शिव के समक्ष अपने पापों का त्याग कर व मन की बुराइयों को भुलाकर अच्छी सोच विचार को अपनाना चाहिए।कहा जाता कि जब इस धरती पर चारों ओर अज्ञान का अंधकार छा जाता है, तब ऐसी धर्म ग्लानि के समय शिव का दिव्य अवतरण इस धरा पर होता है। वास्तव में फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जाने वाला महाशिवरात्रि का पर्व परमात्मा के दिव्य अवतरण की यादगार है।