मंगलवार, 29 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. महाशिवरात्रि
  4. Shaivism
Last Updated : बुधवार, 19 फ़रवरी 2020 (14:03 IST)

महाशिवरात्रि 2020 : शैव पंथ और प्रचारकों को जानिए

Mahashivratri 2020
भारत के प्राचीन धर्म के केंद्र में है भगवान शिव। उनके शैव धर्म ही भारत का पहला और प्राचीन धर्म है। हजारों वर्ष पूर्व से ही शिव की पूजा का प्रचलन रहा है। वेदों में शिव को रुद्र कहा गया है। सिंधु घाटी सभ्याता में मिले अवशेषों से भी यह सिद्ध होता है। आओ जानते हैं कि शैव पंथ और उसके उप पंथ के अलावा शैव धर्म के प्रचारकों के नाम।
 
 
1. शैव पंथ और शैव परम्परा : शैव पंथ के कई उपपंथ हैं, जैसे शाक्त, गणपत्य, कौमारम, नाथ, दसनामी, तांत्रिक, आदिवासी शैव, सिद्ध, दिगंबर, लिंगायत, तमिल शैव, कालमुख शैव, कश्मीरी शैव, वीरशैव, नाग, लकुलीश, पाशुपत, कापालिक, कालदमन और महेश्वर सभी शैव परंपरा से हैं। चंद्रवंशी, सूर्यवंशी, अग्निवंशी और नागवंशी भी शिव की परंपरा से ही माने जाते हैं। भारत की असुर, रक्ष और आदिवासी जाति के आराध्य देव शिव ही हैं। शैव धर्म भारत के आदिवासियों का धर्म है।
 
 
2. शिव प्रचारक : भगवान शंकर की परंपरा को उनके शिष्यों बृहस्पति, विशालाक्ष (शिव), शुक्र, सहस्राक्ष, महेन्द्र, प्राचेतस मनु, भरद्वाज, अगस्त्य मुनि, गौरशिरस मुनि, नंदी, कार्तिकेय, भैरवनाथ आदि ने आगे बढ़ाया। इसके अलावा वीरभद्र, मणिभद्र, चंदिस, नंदी, श्रृंगी, भृगिरिटी, शैल, गोकर्ण, घंटाकर्ण, बाण, रावण, जय और विजय ने भी शैवपंथ का प्रचार किया। इस परंपरा में सबसे बड़ा नाम आदिगुरु भगवान दत्तात्रेय का आता है। दत्तात्रेय के बाद आदि शंकराचार्य, मत्स्येन्द्रनाथ और गुरु गुरुगोरखनाथ का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। नवनाथ की परंपरा ने आगे बढ़ाया।
ये भी पढ़ें
प्रदोष का व्रत रखने के 6 चमत्कारिक लाभ