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Written By WD Feature Desk
Last Modified: मंगलवार, 25 फ़रवरी 2025 (18:11 IST)

Mahashivratri 2025 : महाशिवरात्रि पर आज रात कब खोले जाएंगे महाकाल मंदिर के पट?

 ujjain mahakal darshan time today
Ujjain Mahashivratri 2025: 26  फरवरी 2025 बुधवार के दिन उज्जैन के विश्‍व प्रसिद्ध महाकाल ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए 25 की मध्यरात्रि को ही मंदिर के पट खोल दिए जाते हैं। इस बार रात 2.30 बजे महाकाल मंदिर के पट खुलेंगे और बताया जा रहा है कि करीब 44 घंटे तक बाबा महाकाल के दर्शन हो सकेंगे। इस बार त्रिग्रही योग में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है।ALSO READ: महाकाल दर्शन के लिए आ रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है
 
महाकाल मंदिर के पट खुलने से बंद होने तक के अनुष्ठान:-
  1. 17 फरवरी को 12 ज्योतिलिंर्गों में एकमात्र श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर शिव नवरात्रि का उत्सव फाल्गुन कृष्ण पंचमी से ही प्रारंभ हो गया।
  2. 26 फरवरी को महाशिवरात्रि की रात भगवान महाकालेश्वर का महाअभिषेक, भस्म आरती और पंचामृत पूजन होगा।
  3. 27 फरवरी को विशेष सप्तधान्य अर्पित किए जाएंगे और भगवान का श्रृंगार किया जाएगा।
  4. महाशिवरात्रि महापर्व पर भस्मार्ती हेतु श्री महाकालेश्वर भगवान के मंगल पट प्रात: 2:30 बजे खुलेंगे। 
  5. भस्मारती उपरांत 7:30 से 8:15 दद्योदक आरती, 10:30 से 11:15 तक भोग आरती के पश्चात दोपहर 12 बजे से उज्जैन तहसील की ओर से पूजन-अभिषेक संपन्न होगा।
  6. सायं 4 बजे होल्कर और सिंधिया स्टेट की ओर से पूजन व सायं पंचामृत पूजन के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर को नित्य संध्या आरती के समान गर्म मीठे दूध का भोग लगाया जाएगा।
  7. महाश्विरात्री की रात 11 बजे से सम्पूर्ण रात्रि के साथ ही 27 फरवरी प्रात: 6 बजे तक महाअभिषेक पूजन चलेगा। 
  8. भगवान श्री महाकालेश्वर को चंद्र मुकुट, छत्र, त्रिपुंड व अन्य आभूषणों से श्रृंगारित किया जाएगा। 
  9. भगवान पर न्योछावर नेग स्वरुप चांदी का सिक्का व बिल्वपत्र अर्पित की जाएगी।
  10. श्री महाकालेश्वर भगवान की सेहरा आरती की जाएगी व भगवान को विभिन्न मिष्ठान्न, फल, पंच मेवा आदि के भोग अर्पित किए जाएंगे।
  11. 27 फरवरी 2025 को प्रात: सेहरा दर्शन के उपरांत वर्ष में एक बार दिन में 12 बजे होने वाली भस्म आरती होगी।
  12. भस्म आरती के बाद भोग आरती होगी व शिव नवरात्रि का पारणा किया जाएगा।
  13. 27 फरवरी को सायं पूजन, सायं आरती व शयन आरती के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर के पट मंगल होंगे।