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Nataraja Stuti
Written By
WD Feature Desk
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पंचदेव पूजन
शिव के कुछ पर्यायवाची नाम
वन्दे महाकाल महासुरेशम
सोमवार व्रत की आरती
पूजन सामग्री
नटराज स्तुति
सत सृष्टि तांडव रचयिता
नटराज राज नमो नमः...
हेआद्य गुरु शंकर पिता
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गंभीर नाद मृदंगना धबके उरे ब्रह्माडना
नित होत नाद प्रचंडना
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शिर ज्ञान गंगा चंद्रमा चिद्ब्रह्म ज्योति ललाट मां
विषनाग माला कंठ मां
नटराज राज नमो नमः...
तवशक्ति वामांगे स्थिता हे चंद्रिका अपराजिता
चहु वेद गाए संहिता
नटराज राज नमोः...
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पीपल की पूजा के पीछे क्या है लॉजिक, क्या सच में होता है भूत-प्रेत का वास या कुछ और है चमत्कार, जानिए सच्चाई
scientific reason behind peepal tree worship: भारत की संस्कृति और परंपराओं में पेड़ों को हमेशा पूजनीय स्थान मिला है। खासकर पीपल का पेड़, जिसे सनातन धर्म में दिव्यता का प्रतीक माना गया है। पीपल को 'वृक्षों का राजा' कहा जाता है और इसे ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास माना जाता है। इसकी पूजा करना और उसकी परिक्रमा लगाना सिर्फ धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे छिपा है एक गहरा वैज्ञानिक और स्वास्थ्य संबंधी कारण, जिसे समझना आज के समय में और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
सावन में भोलेनाथ के इन 10 गुणों को अपनाकर आप भी पा सकते हैं स्ट्रेस और टेंशन से मुक्ति
shiv ji ke gun: सावन का महीना केवल मौसम का बदलाव नहीं लाता, बल्कि हमारे मन-मस्तिष्क और आत्मा के लिए भी एक विशेष ऊर्जा का संचार करता है। यह महीना भगवान शिव की उपासना और साधना का काल माना जाता है।
सत्य शिव हैं, अनंत शिव हैं...हर मन में बसे भगवंत शिव हैं, भक्ति से सराबोर सावन की शुभकामनाएं
Sawan Ki Shubhkamnaye in Hindi: सावन का पवित्र महीना, जो भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, एक बार फिर हमारे जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा और प्रकृति की अनुपम छटा लेकर आ गया है। यह वह समय है जब चारों ओर हरियाली छा जाती है, रिमझिम फुहारें मन को शीतलता प्रदान करती हैं, और शिव भक्ति का एक अद्भुत वातावरण निर्मित होता है। इस पूरे माह भक्तजन भगवान शिव की आराधना में लीन रहते हैं, क्योंकि शास्त्रों के अनुसार, सावन में भगवान शिव पृथ्वी पर आकर भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं। यह केवल एक धार्मिक मान्यता नहीं, बल्कि एक ऐसा विश्वास है जो करोड़ों लोगों को महादेव से जुड़ने और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का अवसर देता है। सावन के इस पवित्र महीने के लिए यहां हम भक्ति से सराबोर सन्देश दे रहे हैं जिन्हें आप अपने मित्रों और स्वजनों को भेज सकते हैं:
क्या सितंबर में मोदी जी छो़ड़ने वाले हैं पद, यदि ऐसा है तो फिर कौन बनेगा नया पीएम?
Narendra modi kundli chart: 17 सितंबर 2025 को नरेंद्र मोदी 75 वर्ष के हो जाएंगे। भारतीय जनता पार्टी के नियम के अनुसार 75 के बाद व्यक्ति को सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए जैसा कि हाल ही में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि 75 साल की उम्र के बाद नेताओं को रिटायरमेंट ले लेनी चाहिए। भागवत ने कहा, 'जब आपको 75 साल पूरे होने पर शॉल ओढ़ाई जाती है तो समझिए कि दूसरों का मौका देने का समय आ गया है। आपको किनारे हो जाना चाहिए। तो क्या सच में पीएम मोदी रिटायर होने वाले हैं यदि ऐसा है तो कौन बनेगा अगला पीएम, किसके सितारे हैं बुलंदी पर? अधिकतर ज्योतिष यह भविष्यवाणी कर रहे हैं कि देश में ऐसे हालात निर्मित होंगे कि नरेंद्र मोदी को अपना पद त्यागना पड़ेगा। तब वे अपने उत्तराधिकारी के रूप में किसी को सत्ता सौंपकर खुद मार्गदर्शक मंडल में रहेंगे। क्या यह सच है?
विश्व का एकमात्र ज्योतिर्लिंग जहां हर रात शयन के लिए आते हैं भोलेनाथ और माता पार्वती, साथ खेलते हैं चौपड़
mystery of omkareshwar jyotirlinga: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में पवित्र नर्मदा नदी के तट पर स्थित ओंकारेश्वर, भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह स्थान न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ के ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग से जुड़ी एक ऐसी अलौकिक मान्यता भी है, जो भक्तों को विस्मित कर देती है। कहा जाता है कि इस पावन धाम में हर रात स्वयं भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती शयन के लिए आते हैं, और सोने से पहले वे चौपड़ का खेल भी खेलते हैं। यह मान्यता सदियों से चली आ रही है और लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनी हुई है।
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धर्म संसार
अगर नहीं जा पा रहे कावड़ यात्रा, तो घर पर ऐसे करें शिवजी की पूजा
Kanwar Yatra: धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान भोलेनाथ को अर्पित किया गया जल केवल पानी नहीं, बल्कि आपकी श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक होता है। यदि आप कावड़ यात्रा पर नहीं कर पा रहे हैं, या शारीरिक रूप से सशक्त नहीं हैं तो आप निराश न हों। सच्चे भाव और पवित्र मन से आप घर पर ही भगवान शिव का पूजन करके कावड यात्रा का पुण्य पा सकते हैं। आइए यहां जानते हैं...
कहीं आप शिवलिंग की अधूरी पूजा तो नहीं कर रहे हैं?
shivling vinyas ke rahasya in hindi: अधिकतर लोग शिवलिंग की पूजा करते वक्त शिवलिंग पर और नागमूर्ति पर फूल अर्पित करके पूजा पूर्ण कर लेते हैं जबकि शिवलिंग की संपूर्ण आकृति में कई देवी और देवताओं का स्थान रहता है। इसलिए शिवलिंग की पूजा करते वक्त ध्यान रखें कि कहां कहां पर फूल अर्पित करके पूजा करें। ऐसे करने से आपकी पूजा संपूर्ण मानी जाएगी।
कर्क राशि में सूर्य का गोचर, 5 राशियों को रहना होगा सतर्क
Surya ka kark rashi mein parivartan 2025: मेष, वृषभ, कन्या, तुला और वृश्चिक को सूर्य के कर्क राशि में गोचर से लाभ मिल सकता है लेकिन 5 ऐसी राशियां हैं जिन्हें सतर्क रहना होगा। वैसे कर्क राशि में बुधादित्य योग बना है। इस बार कर्क संक्रांति 16 जुलाई 2025 बुधवार को रहेगी।
क्या शिवजी को भांग चढ़ती है?
offering cannabis to Lord Shiva: पौराणिक शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को भांग चढ़ाना पारंपरिक पूजा का एक हिस्सा माना जाता है, खासकर सावन महीने और महाशिवरात्रि जैसे पावन अवसरों पर। यह एक धार्मिक और प्रतीकात्मक परंपरा है, जिसका गहरा आध्यात्मिक अर्थ भी होता है। आइए जानते हैं भोलेनाथ को भांग चढ़ाने के पीछे की पौराणिक मान्यताएं...
शिवलिंग की आधी परिक्रमा करने के पीछे का रहस्य जानें
शिवजी की आधी परिक्रमा करने का विधान है, वह इसलिए कि शिव के सोमसूत्र को लांघा नहीं जाता है। जब व्यक्ति आधी परिक्रमा करता है तो उसे चंद्राकार परिक्रमा कहते हैं। शिवलिंग को ज्योति माना गया है और उसके आसपास के क्षेत्र को चंद्र। आपने आसमान में अर्ध चंद्र के ऊपर एक शुक्र तारा देखा होगा। यह शिवलिंग उसका ही प्रतीक नहीं है बल्कि संपूर्ण ब्रह्मांड ज्योतिर्लिंग के ही समान है।