गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. सनातन धर्म
  3. नीति नियम
  4. Puja ghar of home
Written By

घर के मंदिर से तुरंत हटाएं 5 चीजें, लाकर रखें 7 वस्तुएं, पक्का हो जाएंगे मालामाल

Hanuman Puja
Puja ghar vastu : घर का पूजाघर या मंदिर बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इसमें नियम अनुसार ही मूर्तियां, पूजा सामग्री या अन्य वस्तुएं रखना चाहिए। घर के मंदिर या पूजाघर में से तुरंत हटाएं ये 5 वस्तुएं और रखें 7 पवित्र वस्तुएं।
 
1. खंडित मूर्ति या चित्र : यदि पूजाघर में खंडित मूर्ति या तस्वीर रखी है तो उसे तुरंट हटा दें। यह शुभ नहीं मानी जाती है। इसके साथ ही एक से अधिक मूर्तियां भी नहीं रखना चाहिए। अपने ईष्‍टदेव की ही एक मूर्ति काफी है। ज्यादा मूर्ति रखने से बनते हुए काम बिगड़ जाते हैं। इसके अलावा अंगूठे के आकार से बड़ा शिवलिंग नहीं रखना चाहिए। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास हो जाता है। पूजा घर में पंचदेव की मूर्ति रख सकते हैं। गणेश, शिव, विष्णु, दुर्गा और सूर्य।
 
2. रौद्र रूप की तस्वीर : किसी भी देवी या देवता की रौद्र रूप की तस्वीर घर में नहीं लगाना चाहिए या मंदिर में नहीं रखना चाहिए। इसे अनिष्टकारी माना जाता है। जैसे माता काली का रौद्र रूप, हनुमानजी का रौद्र रूप या नटराज की मूर्ति हो तो हटा दें। सभी के सौम्य रूप की मूर्ति या तस्वीर रख सकते हैं।
 
3. एक से ज्यादा शंख : कहते हैं कि एक से अधिक शंख भी नहीं रखना चाहिए। ज्यादा शंख अशुभ माने जाते हैं। खंहित शंख भी नहीं होना चाहिए। एक को हटाकर किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें।
 
4. कटी-फटी धार्मिक पुस्तकें : इसके अलावा कटी-फटी धार्मिक पुस्तकें भी नहीं रखनी चाहिए।
 
5. निर्माल्य : निर्माल्य में बासी फूल, हार या अनुपयोगी पूजा सामग्री आती है। इन्हें भी तुरंत हटा देना चाहिए क्योंकि इससे घर में नकारात्‍मक ऊर्जा का वास होता है।
पूजा घर में रखें 7 वस्तुएं:
 
1. पीली कौड़ियां : पीली कौड़ी को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। एक-एक पीली कौड़ी को अलग-अलग लाल कपड़े में बांधकर रखें। 
 
2. जल कलश : जल से भरा कलश देवताओं का आसन माना जाता है। एक कांस्य या ताम्र कलश में जल भरकर उसमें कुछ आम के पत्ते डालकर उसके मुख पर नारियल रखा होता है। कलश पर रोली, स्वस्तिक का चिह्न बनाकर, उसके गले पर मौली (नाड़ा) बांधी जाती है। जल कलश में पान और सुपारी भी डालते हैं।
 
3. तांबे का सिक्का : तांबे में सात्विक लहरें उत्पन्न करने की क्षमता अन्य धातुओं की अपेक्षा अधिक होती है। कलश में उठती हुई लहरें वातावरण में प्रवेश कर जाती हैं। यदि कलश में तांबे के पैसे डालते हैं, तो इससे घर में शांति और समृद्धि के द्वार खुलेंगे। देखने में ये उपाय छोटे से जरूर लगते हैं लेकिन इनका असर जबरदस्त होता है।
 
4. चंदन : चंदन शांति व शीतलता का प्रतीक है। एक चंदन की बट्टी और सिल्ली पूजा स्थल पर रहना चाहिए। चंदन की सुगंध से मन के नकारात्मक विचार समाप्त होते हैं। चंदन को शालग्राम और शिवलिंग पर लगाया जाता है। माथे पर चंदन लगाने ने मस्तिष्क शांत भाव में रहता है।
 
5. अक्षत : अत्यंत श्रम से प्राप्त संपन्नता का प्रतीक है चावल जिसे अक्षत कहा जाता है। अक्षत अर्पित करने का अर्थ यह है कि अपने वैभव का उपयोग अपने लिए नहीं, बल्कि मानव की सेवा के लिए करेंगे।
 
6. गरुड़ घंटी : जिन स्थानों पर घंटी बजने की आवाज नियमित आती है, वहां का वातावरण हमेशा शुद्ध और पवित्र बना रहता है। इससे नकारात्मक शक्तियां हटती है। नकारात्मकता हटने से समृद्धि के द्वार खुलते हैं। घर के पूजा स्थान पर गरुड़ घंटी रखी जाती है।
 
7. शालिग्राम : विष्णु की एक प्रकार की मूर्ति जो प्रायः पत्थर की गोलियों या बटियों आदि के रूप में होती है और उस पर चक्र का चिह्न बना होता है। जिस शिला पर यह चिह्न नहीं होता वह पूजन के लिए उपयुक्त नहीं मानी जाती। यह सभी तरह की मूर्तियों से बढ़कर। इसे बहुत ही शुभ माना जाता है, परंतु इसे घर में उसी व्यक्ति को रखना चाहिए जो पवित्रता का ध्‍यान रखता हो। मांसाहर का सेवन न करता हो और जहां पीने खाने का प्रचलन न हो। अन्यथा इसे रखने से भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।