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Last Modified: मंगलवार, 6 दिसंबर 2022 (11:28 IST)

तिरुपति बालाजी मंदिर के 10 आश्चर्यजनक तथ्य

तिरुपति बालाजी मंदिर के 10 आश्चर्यजनक तथ्य - 10 Mystery of Tirupati Balaji Temple
आन्ध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के तिरुपति के पास तिरूमाला पहाड़ी पर स्थित भगवान वेंकटेश्वर का प्रसिद्ध मंदिर हैं जहां भगवान विष्णु की पूजा होती है। इनकी ख्याति तिरुपति बालाजी के रूप में हैं। भगवान श्री वेंकटेश्वर अपनी पत्नी पद्मावती (लक्ष्मी माता) के साथ तिरुमला में निवास करते हैं। आओ जानते हैं यहां के बारे में 10 आश्चर्यजनक तथ्‍य।
 
1. स्वामी पुष्करणी कुंड : श्री विष्णु ने कुछ समय के लिए तिरुमला स्थित स्वामी पुष्करणी नामक कुंड के किनारे निवास किया था। आज भी यह कुंड विद्यमान है जिसके जल से ही मंदिर के कार्य सम्पन्न होते हैं।
 
2. प्रतिमा से आता है पसीना : मंदिर में बालाजी की जीवंत प्रतिमा एक विशेष पत्थर से बनी हुई है। ऐसा कहते हैं कि बालाजी की प्रतिमा को पसीना आता है और उनकी प्रतिमा पर पसीने की बूंदें स्पष्‍ट रूप से देखी जा सकती हैं। बालाजी की पीठ को जितनी बार भी साफ करो, वहां गीलापन रहता ही है। इसलिए मंदिर में तापमान कम रखा जाता है। 
 
3. स्त्री और पुरुष दोनों के वस्त्र धारण करते हैं बालाजी : कहते हैं कि भगवान के इस रूप में मां लक्ष्मी भी समाहित हैं इसीलिए यहां बालाजी को स्त्री और पुरुष दोनों के वस्त्र पहनाने की यहां परम्परा है। बालाजी को प्रतिदिन नीचे धोती और उपर साड़ी से सजाया जाता है।
 
4. असली है बालाजी के बाल : कहते हैं कि भगवान वेंकेटेश्वर के सिर के बाल असली हैं जो कभी उलझते नहीं और हमेशा मुलायम बने रहते हैं। यह बाल कैसे असली है इसका रहस्य बताना मुश्‍किल है।
 
5. छड़ी से हुई थी बालाजी की पिटाई : कहते हैं कि यहां मंदिर में दाहिनी ओर एक ऐसी छड़ी रखी है जिससे बचपन में कभी बालाजी की पिटाई की जाती थी। पिटाई करने से इस छड़ी से भगवान की ठोड़ी पर चोट लग गई थी। इसी कारण उनकी ठोड़ी पर चंदन का लेप लगाया जाता है। बालाजी के सिर पर अनंताळवारजी के द्वारा मारे गए निशान हैं।
Mystery of Tirupati Balaji Temple
6. मूर्ति के भीतर से आती है रहस्यमयी आवाज : कहते हैं कि भगवान वेंकेटेश्वर की प्रतिमा पर कान लगाकर सुनें तो भीतर से समुद्र की लहरों जैसी ध्वनि सुनाई देती है। यह आवाज कैसे और किसकी आती है यह रहस्य अभी तक बरकरार है। 
 
7. हृदय में लक्ष्मीजी की आकृती : प्रत्येक गुरुवार को बालाजी का श्रृंगार हटाकर स्नान कराकर चंदन का लेप लगाया जाता है और जब ये लेप हटाया जाता है तो बालाजी के हृदय में मां लक्ष्मी जी की आकृति दिखाई देती है।
 
8. कभी नहीं बुझता दीपक : बालाजी के मंदिर में एक दीपक हमेशा जलता रहता है। अचंभा यह है कि इस दीपक में कभी भी तेल या घी नहीं डाला जाता। यहां तक कि ये भी नहीं ज्ञात है कि दीपक को सबसे पहले किसने और कब प्रज्वलित किया था।
 
9. पचाई कर्पूर : भगवान बालाजी पर पचाई नामक कर्पूर लगाया जाता है। इस कपूर के बारे में कहा जाता है कि ये किसी भी पत्थर पर लगाया जाता है तो पत्थर में कुछ समय में दरार पड़ जाती है, परंतु भगवान बालाजी की मूर्ति पर इस पचाई कर्पूर का कोई प्रभाव नहीं होता है।
 
10. मध्य भाग में खड़े हैं बालाजी : बालाजी गर्भगृह के मध्य भाग में खड़े दिखते हैं मगर बाहर से देखने पर ऐसा लगता है कि वे दाईं तरफ के कोने में खड़े हैं।
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