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Last Updated : शनिवार, 26 फ़रवरी 2022 (20:20 IST)

Russia Attack On Ukraine: घमासान युद्ध के बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने PM मोदी से की यह अपील

Russia Attack On Ukraine: घमासान युद्ध के बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने PM मोदी से की यह अपील - Ukrainian President talks to PM Modi
नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन जंग के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बातचीत की। इस दौरान मोदी ने शांति बहाली के प्रयासों में किसी भी तरह से योगदान करने को लेकर भारत की प्रतिबद्धता जताई।
 
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक मोदी ने वहां जारी संघर्ष की वजह से जान व माल को हुए नुकसान पर गहरी पीड़ा व्यक्त की। उन्होंने भारतीय नागरिकों को जल्द और सुरक्षित निकालने के लिए यूक्रेन के अधिकारियों से उपयुक्त कदम उठाने का भी अनुरोध किया।
 
पीएमओ ने कहा कि राष्ट्रपति जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन में जारी संघर्ष की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने तत्काल हिंसा समाप्त करने और वार्ता की ओर लौटने के अपने आह्वान को दोहराया और वहां शांति बहाली के प्रयासों में किसी भी प्रकार का योगदान देने की पेशकश की।
 
प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन में मौजूद भारतीयों की सुरक्षा को लेकर भारत की गहरी चिंताओं से भी राष्ट्रपति जेलेंस्की को अवगत कराया। इस बातचीत के दौरान, राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने देश के खिलाफ रूस के सैन्य हमलों को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत से राजनीतिक समर्थन मांगा। जेलेंस्की ने एक ट्वीट में कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बात की। यूक्रेन द्वारा रूसी आक्रमण का मुकाबला करने की प्रक्रिया के बारे में बताया गया।
 
उन्होंने कहा कि हमारी जमीन पर एक लाख से अधिक आक्रमणकारी हैं। वे आवासीय इमारतों पर अंधाधुंध गोलाबारी कर रहे हैं। भारत से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हमें राजनीतिक समर्थन देने का आग्रह किया गया। एक साथ मिलकर हमलावरों को रोकते हैं।
 
 
भारत ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के ‘आक्रामक बर्ताव’ की ‘कड़े शब्दों में निंदा’ करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर हुए मतदान में हिस्सा नहीं लिया। सुरक्षा परिषद में यह प्रस्ताव अमेरिका की तरफ से पेश किया गया था। भारत ने युद्ध को तत्काल समाप्त करने की मांग करते हुए कहा है कि मतभेदों को दूर करने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है।