यूक्रेन के 'बुचा' शहर में शवों का भयानक मंजर, रूस पर लगे 'नरसंहार' के आरोप
बुचा, रूस के अपने सैनिकों को पीछे हटाने के बाद यूक्रेन की राजधानी कीव की बाहरी सीमा पर मिले शव बर्बरता की तरफ इशारा कर रहे हैं, क्योंकि कुछ के हाथ भी बंधे थे, तो कुछ को नजदीक से गोली मारी गई थी। यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि कीव क्षेत्र के कस्बों में 410 नागरिकों के शव मिले हैं।
यूक्रेन के अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि क्षेत्र से लौटने से पहले सेना ने युद्ध अपराधों को अंजाम दिया है और वह अपने पीछे एक भयावह मंजर छोड़ गए हैं।
यूक्रेन के शहर बुचा से इन शवों की तस्वीरें सामने आने के बाद यूरोपीय नेताओं ने अत्याचार की निंदा की और रूस के खिलाफ सख्त प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया। जर्मनी की रक्षा मंत्री क्रिसटीन लैम्ब्रेक्ट ने यूरोपीय संघ से रूसी गैस पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करने का आग्रह किया है।
द एसोसिएटेड प्रेस के पत्रकारों ने राजधानी के उत्तर-पश्चिम में बुचा के आसपास विभिन्न स्थानों पर कम से कम 21 लोगों के शव देखे। नौ लोगों के शव एक-साथ देखे, सभी के कपड़ों से उनके असैन्य नागरिक होने का पता चल रहा था।
शव ऐसी जगह पड़े थे, जिसके बारे में निवासियों का कहना है कि रूसी सैनिकों ने इसे अपना अड्डा बना रखा था। इनमें से कम से कम दो के हाथ बंधे थे, एक शव पर सिर में गोली लगने और दूसरे के पांव में गोली लगने के निशान थे।
यूक्रेनी अधिकारियों ने हत्याओं के लिए पूरी तरह से रूसी सैनिकों को जिम्मेदार ठहराया है और राष्ट्रपति वोलोदोमिर जेलेंस्की ने इसे नरसंहार का सबूत बताया। वहीं, रूसी रक्षा मंत्रालय ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति के सलाहकार ओलेक्सी एरेस्टोविच ने उपनगरीय सड़कों पर पड़े शवों को एक भयावह मंजर बताया।
उन्होंने दावा किया कि मारे जाने से पहले कुछ महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया था और उसके बाद रूसियों ने उनके शवों को जला दिया।
वहीं, राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि रूसी सेना के युद्ध अपराधों को पृथ्वी पर इस तरह की बुराई का अंतिम मंजर बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने का समय आ गया है। जेलेंस्की ने कहा कि उनकी सरकार यूक्रेन में रूसी सेना द्वारा किए गए हर अपराध की जांच के लिए एक विशेष न्याय तंत्र बनाने के लिए कदम उठाएगी।
इस बीच, रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि शवों की तस्वीरें और वीडियो का प्रबंध कीव शासन ने पश्चिमी मीडिया के लिए किया है।
बयान में कहा गया कि इस बात पर ध्यान दें कि बुचा के महापौर ने वहां से निकले रूसी सैनिकों द्वारा किसी हिंसा या उत्पीड़न का जिक्र नहीं किया है। मंत्रालय ने कहा कि बुचा में एक भी नागरिक को रूसी सेना द्वारा किसी भी हिंसक कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ा।