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Last Updated : रविवार, 27 फ़रवरी 2022 (22:14 IST)

Ukraine Crisis पर PM ने की अहम सुरक्षा बैठक, फंसे भारतीयों की मदद के लिए MEA ने बनाया नया ट्विटर हैंडल

Ukraine Crisis पर PM ने की अहम सुरक्षा बैठक, फंसे भारतीयों की मदद के लिए MEA ने बनाया नया ट्विटर हैंडल - pm modi to hold high level meeting on the ukraine crisis this evening
नई दिल्ली। यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने का काम जारी है। इस बीच आज प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आवास पर सुरक्षा मामलों को लेकर एक अहम बैठक कर हैं जिसमें यूक्रेन संकट को लेकर चर्चा चल रही है। इस बीच विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों की मदद के लिए एक नया समर्पित ट्‍विटर हैंडल बनाया है।

इसके जरिए फंसे हुए छात्र और नागरिक अपनी जानकारी दे सकेंगे और सरकार उन्हें निकालने में मदद करेगी। इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर सहित कई बड़े अधिकारी शामिल हैं।

2000 भारतीयों को सुरक्षित निकाला : इससे पहले विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने  बताया कि भारत ने युद्ध ग्रस्त यूक्रेन से अभी तक अपने करीब 2,000 नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला है और वहां फंसे अन्य नागरिकों को पड़ोसी देशों की सीमाओं पर स्थित विभिन्न ट्रांजिट प्वाइंट के माध्यम से बाहर निकालने का प्रयास जारी है।
 
पत्रकारों से बातचीत में श्रृंगला ने बताया कि उन्होंने यूक्रेन और रूस के राजदूतों से अलग-अलग बैठकें की हैं और यूक्रेन में रह रहे भारतीय नागरिकों का लोकेशन साझा किया है ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
 
विदेश सचिव ने कहा कि सीमा पार करके हंगरी और रोमानिया में दाखिल होना आसान है, लेकिन पोलैंड की सीमा पर स्थित सभी ट्रांजिट प्वाइंट युद्ध के कारण यूक्रेन छोड़ रहे देश और विदेशी नागरिकों की भीड़ के कारण जाम हो गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह समस्या का कारण है।’’
 
श्रृंगला ने कहा कि हंगरी, रोमानिया और स्लोवाकिया की सीमाओं के पास रह रहे भारतीय नागरिकों को चरणबद्ध तरीके से बॉर्डर प्वाइंट तक पहुंचाया जा रहा है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी शहरों में कितने भारतीय नागरिक, खास तौर से छात्र वहां मौजूद हैं, उनकी जानकारी है। दुर्भाग्यवश, इन क्षेत्रों में संघर्ष चल रहा है और इन्हें आजादी से घूमने-फिरने के लिहाज से सुरक्षित नहीं माना जा रहा है। हम उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने का तरीका खोज लेंगे।’’
 
विदेश सचिव ने कहा कि करीब 1,000 भारतीय नागरिक रोमानिया और हंगरी के रास्ते बाहर आ चुके हैं और 1,000 अन्य लोगों को सड़क मार्ग से यूक्रेन से बाहर निकाला गया है।
 
उन्होंने बताया कि कीव में करीब 2,000 भारतीय मौजूद थे और उनमें से कई देश के पश्चिमी भाग की ओर चले गए हैं।
 
श्रृंगला ने कहा कि यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने सलाह दी है कि कीव सहित देश के पूर्वी भाग में रह रहे लोग संघर्ष की चपेट में आने से बचने के लिए पश्चिमी क्षेत्र की ओर चले जाएं और निकटतम सीमावर्ती प्वाइंट तक पहुंचने का प्रयास करें। उन्होंने बताया, ‘‘हमने जिनेवा में इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेड क्रॉस (आईसीआरसी) से भी संपर्क किया है। जिनेवा में हमारे स्थाई प्रतिनिधि ने आईसीआरसी के अध्यक्ष से मुलाकात की है।’’