निभाई है यहाँ हमने मोहब्बत
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सतपाल ख्याल निभाई है यहाँ हमने मोहब्बत भी सलीके सेदिए जो रंज़ो-ग़म इसने, लगाए हमने सीने से जो टूटे शाख से यारों अभी पत्ते हरे हैं वोयकीं कुछ देर से होगा नहीं अब दिन वो पहले से हमेशा ज़िंदगी जी है यहाँ औरों की शर्तों परमिले मौका अगर फिर से जिऊँ अपने तरीके सेन की तदबीर ही कोई, न थी तकदीर कुछ जिनकीसवालों और ख्यालों मे मिले हैं अब वो उलझे से। घरों से उबकर अब लोग मैखाने मे आ बैठेसजी हैं महफिलें देखो यहाँ कितने क़रीने से'
ख्याल' अपनी ही करता है कहाँ वो मेरी सुनता हैनज़र आते हैं उसके तो मुझे तेवर ही बदले से।