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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025 (16:46 IST)

पाकिस्तान के कब्जे वाले POK में कितने हिंदू मंदिर है?

POK
Hindu Temples in POK: पाकिस्तान ने जम्मू, कश्मीर एवं लद्दाख के लगभग आधे हिस्से पर कब्जा कर रखा है जिसे आज पाक अधिकृत जम्मू और कश्मीर (पीओके) कहते हैं। इस पाक अधिकृत कश्मीर में जम्मू, लद्दाख और कश्मीर के हिस्से शामिल हैं सिर्फ कश्‍मीर के नहीं। पाकिस्तान ने इसके हिस्से कर दिए। पहला आजाद कश्मीर और दूसरा गिलगित बाल्टिस्तान और एक छोटासा हिस्सा चीन को उपहार में दे दिया है। आइये जानते हैं POK के में कितने है हिंदू मंदिर।ALSO READ: ये हैं कश्मीर के प्राचीन हिंदू मंदिर और धर्मस्थल, जहाँ सदियों से गूंजती है आस्था की ध्वनि
 
कश्मीर हिन्दुओं मंदिरों का विध्वंस और कत्लेआम यूं तो मध्यकाल से ही जारी है, लेकिन भारत विभाजन के बाद यह अधिक तेजी से चला, जिसके चलते पीओके के कश्मीरी पंडितों को पलायन कर भारतीय कश्मीर में शरण लेना पड़ी। वहां भी 1989 से 1995 तक नरसंहार का एक नया दौर चला जिसके चलते 6000 कश्मीरी पंडितों को बर्बर तरीके से मौत के घाट उतर दिया गया। इस नरसंहार के चलते 750000 (साढ़े सात लाख) पंडितों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा। इस दौरान 1500 मंदिरों नष्ट कर दिया गया। 600 कश्मीरी पंडितों के गांवों को इस्लामिक नाम दे दिया गया। 
 
पीओके में हिन्दुओं के दो स्थान महत्वपूर्ण है- पहला शिव मंदिर दूसरा शारदा पीठ। पीओके का शिव मंदिर और शारदा पीठ प्राचीनकाल से लेकर मध्यकाल के अंत तक यहां हिन्दुओं की आबादी बहुलता से थी और हजारों हिन्दू, जैन और बौद्ध मंदिर अस्तित्व में थे, लेकिन आक्रांताओं के विध्वंस के कारण अब गिनती के ही मंदिर बचे हैं जिसमें से जैन और बौद्ध मंदिर तो लगभग समाप्त कर दिए गए हैं। गैर सरकारी आंकड़ों के अनुसार यहां लगभग 1500 मंदिरों को नष्ट कर दिया गया।ALSO READ: पाकिस्तान में कितने हैं हिंदू मंदिर और कितने तोड़ दिए गए?
 
पीओके के मंदिर POK Mandir :
1. शिव मंदिर पीओके:- पाक अधिकृत कश्मीर में वैसे तो बहुत से मंदिरों का अस्तित्व अब नहीं रहा लेकिन यह शिव मंदिर अब खंडर ही हो चुका है। भारत-पाक बंटवारे के कुछ सालों तक यह मंदिर अच्छी अवस्था में था, लेकिन पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के बढ़ते प्रभाव के कारण मंदिर में श्रद्धालुओं का आवागमन कम हो गया और अब यह मंदिर विरान पड़ा है।
2. शारदा देवी मंदिर, पीओके:- यह मंदिर भारत-पाकिस्तान की नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में है। यह मंदिर भी अब लगभग खंडहर में तब्दील हो चूका है। माना जाता है कि भगवान शंकर यहां से यात्रा करते हुए निकले थे। 1948 के बाद से इस मंदिर की बमुश्किल ही कभी मरम्मत हुई। इस मंदिर की महत्ता सोमनाथ के शिवा लिंगम मंदिर जितनी है। 19वीं सदी में महाराजा गुलाब सिंग ने इसकी आखिरी बार मरम्मत कराई और तब से ये इसी हाल में है। यह मंदिर लगभग 5000 साल पुराना माना जाता है। मंदिर के पास मादोमती नाम का एक तालाब है। इस तालाब का पानी बहुत ही पवित्र माना जाता है।
 
3. रघुनाथ मंदिर, पीओके:- पीओके में झेलम नदी के किनारे बसा मीरपुर बहुत ही खुबसूरत शहर है। मीरपुर में बहुत ही प्रसिद्ध रघुनाथ (राम) मंदिर है। अब वह विरान और खंडहर बन चुका है। मीरपुर कभी हिन्दू बहुल क्षेत्र हुआ करता था। यहां 1947 के पहले 20 फीसदी हिन्दू आबादी थी। एक किताब के मुताबिक यहां 18 हजार हिन्दुओं की हत्या कर दी गई थी। यह तो पीओके के एक जिले मीरपुर के शहर की कहानी है। ऐसे 10 जिले हैं जहां 1947 के पहले लाखों की संख्‍या में हिन्दू रहते थे। कहते हैं कि यही वह जगह है जहां सिकंदर और पौरस की 323 ईसा पूर्व लड़ाई हुई थी। झेलम नदी के तट पर मंगला माता का प्रसिद्ध मंदिर था। इस नदी पर डेम बनाने के बाद प्राचीन मीरपुर लगभग डूब ही गया है और मंदिर तो खंडर है। यहां झेलम नदी के किनारे ही मंगला किला और रामकोट किला है।
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