अब तक नहीं मिला 'पचनदा' को धार्मिक महत्व
विश्व पर्यटन के मानचित्र पर उभरने के लिए छटपटाता 'तातरपुर'
* धार्मिक ग्रंथों में बना तीर्थराज, आज भी पहचान को मजबूर...
गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों की संगम स्थली प्रयाग की महिमा तो विश्व प्रसिद्ध है, मगर पांच नदियों के संगम का स्थान तातरपुर विश्व पर्यटन के मानचित्र में खुद को स्थापित कराने के लिए छटपटा रहा है। उत्तरप्रदेश में इटावा के बिठौली गांव में स्थित तातरपुर में यमुना, चम्बल, कावेरी, सिंधु और पहुज नदियों का संगम होता है। इस संगम को पचनदा अथवा पचनद भी कहा जाता है। यहां के प्राचीन मन्दिरों में लगे पत्थर आज भी दुनिया के इस आश्चर्य और भारत की श्रेष्ठ धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत का बखान करते नजर आते हैं।