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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शुक्रवार, 18 जुलाई 2025 (14:34 IST)

नर्मदापुरम् में 10 तोला सोना और चांदी से हो रहा है हवन

dadadhuniwale
नर्मदापुरम् । नर्मदापुरम् में एक निजी मैरिज गार्डन में संत गौरीशंकर महाराज, दादा धूनीवाले और हरिहर महाराज का चांदी से सुसज्जित दरबार लगा हुआ है। गुरु पूर्णिमा से संत शिवानन्द महाराज के सानिध्य में 5 हजार 100 नर्मदेश्वर शिवलिंग का पूजन-अभिषेक हो रहा है। गुरुवार रात को हवन में 10 तोला सोने के जेवर, चांदी के आभूषण समेत एक क्विंटल लड्डू, 20 किलो रसगुल्ले, 8-8 किलो काजू-किशमिश और 25 किलो सेवफल की आहुति दी गई। ALSO READ: नर्मदापुरम् में चल रहे महायज्ञ में स्वर्णाभूषणों से होगा हवन
 
महाराज शिवानन्द द्वारा सजाए दादा धूनिवाले और गौरीशंकर महाराज के दरबार में रोजाना सुबह भोलेनाथ का अभिषेक, शाम को आरती व हवन हो रहा है। शाम को हवन में करीब एक से डेढ़ लाख रुपए की सामग्री की आहुति धूनीमाई को दी जाती है।
 
दादाजी के दरबार में जगह-जगह घंटे टंगे हैं। आरती, हवन के दौरान श्रद्धालु और भक्त बजाते हैं। घंटे और धूनीवाले दादाजी के जयकारों से पंडाल गूंज उठता है। 5100 दीपक जलाकर महाआरती प्रतिदिन शाम को की जाती है। जिसमें कई प्लास्टिक के डिब्बे तेल रोजाना जल रहा हैं। गार्डन में बारिश से बचने के लिए डोम लगाया गया है। आरती व हवन में शामिल होने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है। 
 
गुरुवार रात 9 बजे महाआरती के बाद धूने पर हवन किया गया। इसमें 10 तोला सोने के आभूषणों को मां नर्मदा को समर्पित किया गया। हवन में प्रतिदिन की तरह ही अन्य हवन व पूजन सामग्री शामिल रही। हवन और महाआरती को देखने रात में शहर और दूसरे शहरों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु दादा दरबार पहुंचे। सोहागपुर विधायक विजयपाल सिंह राजपूत और पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह भी इस हवन, आरती में शामिल हुए।
 
गुरु पूर्णिमा से हवन, अभिषेक पूजन का जारी सिलसिला 51 दिनों तक सतत जारी रहेगा। संत महात्माओं सहित सभी श्रद्धालुओं के लिए दोनों समय प्रसादी की सुविधा है। श्रावण माह में प्रतिदिन हो रहे 5100 शिवलिंग अभिषेक व पूजन में शामिल होने के लिए जिले सहित प्रदेश के अन्य स्थानों से भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं।
 
दादा धूनीवाले के भक्त, संत शिवानंद महाराज के सानिध्य में ये धार्मिक कार्यक्रम चल रहा है, जो गुरु पूर्णिमा से शुरू हुआ था। करीब डेढ़ माह तक प्रतिदिन यह क्रम इसी तरह से जारी रहेगा। शिवानंद महाराज कई वर्षों से निरंतर आजीवन नर्मदा परिक्रमा पर हैं। चतुर्मास के दौरान हर साल अलग-अलग जगहों पर नर्मदा किनारे आयोजन कराते रहते हैं। इस वर्ष वे नर्मदापुरम में चतुर्मास कर रहे हैं। चातुर्मास में यात्रा बंद रहती है। यात्रा की शुरुआत दशहरा के बाद से होती है।ALSO READ: मैं तो दादाजी के दरवाजे का दरबान हूं- शिवानन्द महाराज
 
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