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Written By वार्ता

मैडमजी स्कूल कब खुलेगा..?

मैडमजी स्कूल कब खुलेगा..? -
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मैडमजी स्कूल अब कब खुलेगा, पुलिस स्कूल में क्यों रुकी है, क्या छमाही परीक्षा नहीं होगी? अपनी टीचर के घर जाकर इस तरह के दसियों सवाल पूछने वाली आठ वर्षीय सिमरन और सात साल की साक्षी को नहीं पता है कि उसका स्कूल क्यों बन्द कर दिया गया है।

अयोध्या-फैजाबाद मार्ग पर स्थित साहबदीन राम सीताराम गर्ल्स इंटर कॉलेज की कक्षा तीन में पढ़ने वाली सिमरन अपने घर के पास रहने वाली एक अध्यापिका के घर जाती है और स्कूल बंद होने के कारणों पर एक साथ कई सवाल दाग देती है।

अयोध्या और फैजाबाद के कई स्कूलों में आजकल सशस्त्र पुलिस बल का डेरा है। अयोध्या के विवादित धर्मस्थल के मालिकाना हक को लेकर आगामी 24 तारीख को आ रहे फैसले के मद्देनजर यह धार्मिक नगरी एक बार फिर 'बंदूकों के साये' में है।

सिमरन का कहना है कि वह पढ़ना चाहती है, लेकिन स्कूल में पुलिस ठहरने के कारण पढ़ाई में दिक्कत आ गई है। स्कूल में बच्चों को आने के लिए मना कर दिया गया है। हालाँकि कर्मचारी आते हैं। मासूम सिमरन से जब पूछा गया कि उसके स्कूल में पुलिस क्यों आई है तो उसने मासूमियत से कहा कि मुझे नही मालूम।

अयोध्या और फैजाबाद के स्कूलों में पिछले शुक्रवार से सुरक्षाबलों को ठहराने का काम शुरू हुआ है। अदालत का फैसला आने के बाद यदि सब कुछ ठीक रहा तो भी सुरक्षाबल कम से कम दस दिन तो रुकेंगे ही।

इससे पहले इसी तरह 1990-1992 और 2002 में भी स्कूलों में सुरक्षाबलों को ठहराया गया था। उस दौरान भी कम से कम 20 दिन स्कूलों में पढ़ाई बाधित हुई थी। यहाँ सिमरन ही नहीं अन्य लोगों की जिंदगी की कहानी भी सिमरन से मिलती जुलती है। शाम के आठ बजते-बजते अयोध्या और उसके जुड़वाँ शहर फैजाबाद की सड़कें सूनी हो रही हैं।

यहाँ के सभी लोग कह रहे हैं कि फैसला आने के बाद देश के अन्य भागों में चाहें जो हो यहाँ शांति बनी रहेगी। इसके बावजूद सुरक्षाबलों की बढ़ी गतिविधियों से जनसामान्य हड़बड़ाहट में है। वह अपना काम निपटाकर जल्दी से जल्दी घर पहुँचना चाहता है।

24 सितंबर के बाद तनाव की आशंका के मद्देनजर लोगों ने सामान की खरीददारी तेजकर दी है। खाने-पीने के साथ ही अन्य आवश्यक चीजों को लोग खरीदकर घर में जमा कर रहे हैं। हालाँकि प्रशासन लोगों को सुरक्षा के प्रति आश्वस्त कर रहा है।

शांतिप्रिय नागरिकों में विश्वास करने और असामाजिक तत्वों को हतोत्साहित करने के लिए सुरक्षाबलों का फ्लैगमार्च भी कराया जा रहा है। इससे असमाजिक तत्व कितना भयभीत हो रहे हैं यह तो पता नहीं, लेकिन भोली-भाली जनता में आटा, चावल, दाल, आलू आदि ज्यादा से ज्यादा खरीदने की होड़ सी लग गई है।

इस बीच अयोध्या मुद्दे पर आने वाले अदालती फैसले के मद्देनजर उत्तरप्रदेश सरकार ने राज्य में किसी भी तरह के जुलूस और जमावड़े पर रोक लगा दी तथा सभी जिलों में धारा 144 कड़ाई से पालन किए जाने के निर्देश दिए।

विभिन्न जिलों में संवेदनशील क्षेत्रों में अर्धसैनिक बलों और पीएसी ने फ्लैग मार्च शुरू कर दिए हैं। पुलिस के अनुसार जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को धारा 144 को कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। लखनऊ, अलीगढ़ और फैजाबाद में केन्द्रीय बलों के अलावा बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।

सूत्रों ने बताया कि जिला प्रशासनों से कहा गया है कि ऐसे असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखी जाए जो गड़बड़ी कर सकते हैं। अदालती फैसले के मद्देनजर कहीं भी किसी गड़बड़ी को रोकने की तैयारी की जा रही है और इस बारे में जिलों को सतर्क कर दिया गया है।

सूत्रों ने बताया कि सभी जिलों में एक विशेष दल गठित किया गया है, जो अफवाह फैलाने वालों पर नजर रखेगा। शनिवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एफआई रिबेलो ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की थी। उन्होंने सुरक्षा के बारे में अन्य तहकीकात भी की। (वार्ता)