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Written By भाषा
Last Modified: मुंबई (भाषा) , शुक्रवार, 4 सितम्बर 2009 (15:42 IST)

मुंबई का हर दूसरा व्यक्ति झुग्गीवासी

Every second Mumbaikar is in Jhuggi | मुंबई का हर दूसरा व्यक्ति झुग्गीवासी
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई का हर दूसरा व्यक्ति झुग्गी में निवास करता है।

मानव विकास रिपोर्ट और बृहनमुंबई नगर निगम द्वारा बनाई गई रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में हर तीसरा व्यक्ति झुग्गी में रहता है। लेकिन यह आँकड़ा मुंबई में और अधिक बढ़ जाता है, जहाँ 2001 की जनगणना के मुताबिक 54.1 प्रतिशत लोग झुग्गी में रहते हैं। इसका मतलब है कि मुंबई का हर दूसरा व्यक्ति झुग्गी में रहता है।

रिपोर्ट में कहा गया है,‘यह लोग मुंबई की कुल जमीन के मात्र छह प्रतिशत हिस्से में ही रहते हैं, जो यहाँ के डरावने संकुचन को बयान करता है।’उल्लेखनीय है कि देश की राजधानी दिल्ली में जहाँ 18.9 प्रतिशत लोग झुग्गी में रहते हैं,वहीं कोलकाता में 11.72 प्रतिशत और चेन्नई में 25.60 प्रतिशत लोग इन इलाकों में निवास करने को मजबूर हैं।

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पूरे महाराष्ट्र में झुग्गियों में रहने वालों की संख्या 29 प्रतिशत है।

उल्लेखनीय है कि सबसे पहले 1975 के पहले बनी झुग्गियों को आधार माना गया था। उसके बाद 1995 तक स्थापित झुग्गियों को सरकार ने मानना शुरू किया लेकिन वर्तमान में सरकार ने सन् 2000 से पहले बनी झुग्गियों को अपना आधार माना है।

सन् 2006-07 में शहर में रहने वाले लोगों की प्रति व्यक्ति आय 65 हजार 361 रुपए थी, जो देश के प्रति व्यक्ति आय 29 हजार 382 रुपए के दोगुने से ज्यादा है।

देशभर में सबसे अधिक प्रति व्यक्ति आय होने के बाद भी मुंबई की करीब दस प्रतिशत आबादी 591.75 रुपए प्रति माह पर जीवन यापन करने को मजबूर है।

इसका मतलब है कि इस आय वर्ग के लोगों की कमाई 20 रुपए प्रतिदिन ही है। इस आय वर्ग के अंतर्गत आने वाले परिवारों के पास टी वी, फ्रिज, पंखे, पानी की आपूर्ति, वाहन और खेती जैसी सुविधाएँ नहीं हैं।

यूएनडीपी ने कहा कि शहरी एवं पर्यावरण अध्ययन के क्षेत्रीय केन्द्र द्वारा जारी शहरी गरीबी उन्मूलन रणनीति और अखिल भारतीय स्थानीय स्वायत्त शासन की रिपोर्ट के अनुसार 1998 में गरीबी 8.5 प्रतिशत के साथ थोड़ी कम थी।

मुंबई शहरी यातायात परियोजना के लिए एमएमआरडीए द्वारा झुग्गी बस्ती में रहने वाले 16 हजार घरों पर कराए गए एक सर्वेक्षण में बताया गया है कि 2978 रुपए प्रति माह की औसत आय के साथ 40 प्रतिशत झुग्गी बस्ती आबादी गरीबी रेखा के नीचे रहती है।

यूएनडीपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई में रहने वाले गरीब तीन अलग अलग तरह के घरों में रहते हैं। इसमें से पहला एक मंजिला या दो मंजिला चॉल में है, दूसरा एक कमरे की कोठरी में और तीसरा सड़कों पर रहने वाले हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि झुग्गियों में निवास करने वालों में प्रमुख रूप से प्रवासी, मजदूर, ठेले खोमचे वाले, भिखारी, कबाड़ी, यौनकर्मी, टैक्सी और ऑटो ड्राइवर शामिल हैं।