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Written By भाषा

तमिलनाडु में देखते ही गोली मारने के आदेश

वकीलों का आंदोलन, आला अधिकारी स्थानांतरित

तमिलनाडु में देखते ही गोली मारने के आदेश -
तमिलनाडु में वकीलों के हिंसक आंदोलन को फैलने से रोकने के लिए अराजक तत्वों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही प्रदेश के कई हिस्सों में हिंसा जारी रहने की वजह से कई शीर्ष पुलिस अधिकारियों का शनिवार को तबादला भी कर दिया गया।

राज्य पुलिस महानिदेशक कार्यालय से शुक्रवार रात जारी बयान के मुताबिक एक आदेश के जरिये सूबे के सभी पुलिस अधीक्षकों को इस सिलसिले में अधिकार सौंप दिए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि वाहनों को नुकसान पहुँचाने की कोशिश करने वाले या अन्य गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

बयान के मुताबिक कुछ असामाजिक तत्व गुरुवार को हुई हिंसक घटना का इस्तेमाल सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुँचाने और वाहनों में आग लगाने के लिए कर रहे हैं। इस बीच मद्रास उच्च न्यायालय परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प होने की वजह से पुलिस उपायुक्त (चेन्नई उत्तर) एम. रामसुब्रमणि को स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्हें एसएन शेषशायी के स्थान पर पुलिस महानिरीक्षक (रेलवे) बनाया गया है।

सूत्रों के मुताबिक ये तबादले शुक्रवार देर रात से प्रभावी हो गए। गौरतलब है श्रीलंका के मुद्दे को लेकर तथा जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी पर अदालत परिसर में हमला करने के अभियुक्त वकीलों की गिरफ्तारी के खिलाफ आंदोलन कर रहे वकीलों और पुलिस के बीच गुरुवार को हिंसक झड़प हुई थी। इस दौरान हुए पथराव और पुलिस लाठीचार्ज में एक जज तथा कई पुलिसकर्मी और वकील घायल हो गए थे।

चेन्नई पुलिस ने अग्नि एवं बचाव सेवा विभाग की एक जीप को आग के हवाले करने के आरोप में बड़ी संख्या में लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय परिसर में हुई हिंसा के बाद 150 वकीलों के खिलाफ शुक्रवार को हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया गया था।

कड्डलूर में कल रात श्रीलंका में युद्धविराम की माँग को लेकर खुदकुशी करने वाले विदुतलाई चिरुताइगल काछी के एक कार्यकर्ता की अंतिम यात्रा के दौरान हिंसक झड़प हो गई। हिंसा में अब तक अनेक सरकारी बसें तथा सार्वजनिक सम्पत्ति नष्ट की जा चुकी हैं।

इस बीच पिछले दो दिन से प्रदेश में जारी टकराव की वारदात की कवरेज कर रहे कुछ मीडियाकर्मियों ने आंदोलनकारी वकीलों द्वारा खुद पर हमला करने और अपशब्दों का इस्तेमाल करने की शिकायत की है।

नगर पुलिस आयुक्त के. राधाकृष्णन ने बताया वकीलों के कथित हमले का निशाना बने कुछ पत्रकारों ने इसकी शिकायत की है। पत्रकारों को समुचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।