सपा सरकार ने किया पुलिस को राजनीतिक हथियार बनाने का 'पाप' : योगी
लखनऊ। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार पर निशाना साधते हुए गुरुवार को कहा कि सपा सरकार ने पुलिस को 'राजनीतिक हथियार' के रूप में इस्तेमाल करने का 'पाप' किया है।
योगी ने विधानसभा में गृह और सामान्य प्रशासन के बजट पर चर्चा के अंत में कहा कि पुलिस राजनीतिक हथियार के रूप में कैसे कार्य करे, जब ये दूषित मंशा हो तो प्रदेश में कानून का राज स्थापित नहीं कर सकते, जो पाप पूर्व सरकार ने किया था।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सपा सरकार ने पुलिस को अपंग बना दिया था। पुलिस और प्रशासन की कार्यपद्धति को अवरुद्ध करने का प्रयास किया था। वे नहीं चाहते थे कि अच्छी पोलिसिंग हो, कम्युनिटी पोलिसिंग हो। पूर्व की सरकार नहीं चाहती थी कि पुलिस का व्यवहार दोस्ताना हो।
योगी ने आरोप लगाया कि चाहे सपा की सरकार रही हो या बसपा की, पहले प्रदेश में एफआईआर ही दर्ज नहीं होती थी। अपराध के आंकड़ों को छिपाकर पूर्व की सरकारें वाहवाही लूटती थीं।
उन्होंने कहा कि ये (भाजपा) सरकार आई। हमने कहा कि एक फरियादी के साथ थाने में सही व्यवहार होना चाहिए। शिष्टता के साथ पेश आना चाहिए। शत-प्रतिशत एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।
योगी ने कहा कि पूर्व में हत्या और गैंगरेप जैसे गंभीर अपराधों पर भी मंत्रियों के गैरजिम्मेदाराना और शर्मनाक बयान आया करते थे। दंगों के घोषित अपराधियों को सपा का संरक्षण मिलता था। घोषित दंगाइयों को सरकारी विमान से लखनऊ लाकर मुख्यमंत्री आवास में रखा जाता था और उनका महिमामंडन होता था।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुजफ्फरनगर दंगों में पूर्व सरकार के मंत्रियों की संलिप्तता थी। सरकार ने चुनाव के पहले ही कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'सबका साथ सबका विकास' की बात कही है तो ये नारा तब सार्थक होता दिखेगा, जब सरकार बिना भेदभाव के हर व्यक्ति को न्याय प्रदान करने को कृत-संकल्पित हो। हमने इस दिशा में प्रयास किए हैं।
प्रदेश पुलिस की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आपराधिक घटनाओं को पूरी तरह 'वर्कआउट' करने का प्रयास किया गया है। पुलिस ने अच्छा कार्य किया है। उसके अच्छे परिणाम सामने आए। डकैती, लूट, हत्या जैसे गंभीर अपराधों में लिप्त लोगों पर कार्रवाई की गई। लूट और डकैती की संपत्तियों की बरामदगी हुई।
योगी ने कहा कि आंकड़ों के माध्यम से हम पुलिस के कार्य का मूल्यांकन नहीं कर सकते लेकिन आंकड़े दबाकर हम आम जनता की शिकायत को ही थाने में दर्ज न करें, इस तरह का पाप पूर्व सरकारों में होता रहा है। इस कारण जंगलराज स्थापित हो गया था। लेकिन सत्ता संभालते ही हमारी सरकार ने संकल्प लिया कि हर फरियादी की एफआईआर दर्ज होगी। हम बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई कर रहे हैं। (भाषा)