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Last Modified: रविवार, 13 नवंबर 2022 (22:40 IST)

क्या मैनपुरी में देवरानी-जेठानी होंगी आमने-सामने? अपर्णा को टिकट के सवाल पर मंत्री ने दिया जवाब

क्या मैनपुरी में देवरानी-जेठानी होंगी आमने-सामने? अपर्णा को टिकट के सवाल पर मंत्री ने दिया जवाब - Will aparna yadav and dimple yadav face to face in mainpuri by election
लखनऊ। मैनपुरी से भाजपा विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि मुलायम सिंह यादव और उनकी पुत्रवधू डिंपल यादव के सियासी कद में जमीन-आसमान का अंतर है और दावा किया कि 5 दिसंबर को सपा के गढ़ मैनपुरी सीट पर होने वाले उप चुनाव में कमल खिलेगा।

समाजवादी पार्टी (सपा) ने पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को मैनपुरी संसदीय सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। यह सीट पार्टी क्षत्रप मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई थी। मुलायम सिंह यादव ने 1996 के बाद से पांच बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है, जबकि सपा के अन्य उम्मीदवारों ने भी इस सीट पर कई बार जीत हासिल की है।

मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सपा की तुलना वर्तमान सपा से करते हुए उन्होंने कहा कि पहले यह पार्टी जमीन पर दिखाई पड़ती थी, लेकिन अखिलेश यादव के नेतृत्व में यह वातानुकूलित कमरों से सिर्फ ट्विटर पर चलती है।

उन्होंने कहा कि वह शिवपाल सिंह यादव को सपा परिवार का हिस्सा मानकर देख रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) अध्यक्ष शिवपाल यादव को अपना राजनीतिक भविष्य बचाना है तो उन्हें सपा की हार सुनिश्चित करनी होगी।

मैनपुरी संसदीय उप चुनाव में शिवपाल यादव की भूमिका पर राजनीतिक विशेषज्ञों की पैनी नजर है। शिवपाल यादव ने कहा है कि वह मैनपुरी लोकसभा उप चुनाव पर अगले दो-तीन दिनों में निर्णय करेंगे। जयवीर सिंह ने कहा, यदि शिवपाल यादव को अपना राजनीतिक भविष्य बचाना है, तो उन्हें सपा की हार सुनिश्चित करनी होगी अन्यथा उनका राजनीतिक रूप से अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।

सिंह ने कहा, डिंपल राजनीतिक कद के लिहाज से मुलायम सिंह के आसपास कहीं नहीं ठहरतीं। उनके बीच जमीन-आसमान का अंतर है। उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, मुलायम सिंह के नेतृत्व में सपा जमीन पर दिखाई पड़ती थी, जबकि वर्तमान में (अखिलेश यादव के नेतृत्व में) यह एसी कमरों से ट्विटर पर चलती है।

यह पूछे जाने पर कि भाजपा से मैनपुरी में सपा उम्मीदवार को कौन चुनौती देगा, उन्होंने किसी का नाम लेने से इनकार किया और कहा, कमल का निशान (भाजपा का चुनाव चिन्ह) वहां चुनाव लड़ेगा और उप चुनाव जीतेगा। आजमगढ़ और रामपुर के बाद मैनपुरी में कमल खिलेगा और यह 2024 लोकसभा के लिए आधार तैयार करेगा।

यह पूछे जाने पर कि क्या डिंपल अपने ससुर (मुलायम सिंह यादव) के निधन के बाद उप चुनावों में सहानुभूति वोट हासिल करेंगी, सिंह ने नकारात्मक जवाब दिया। सिंह अतीत में मुलायम सिंह यादव की सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

उन्होंने कहा, धर्म और जाति से ऊपर उठकर लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति उनकी नीतियों और योजनाओं को लेकर आकर्षित हो रहे हैं और वे सभी बाधाओं को तोड़कर भाजपा के पक्ष में मतदान करेंगे।

मंत्री ने दावा किया कि भले ही सपा के नेता यादव परिवार में एकता की तस्वीर दिखा रहे हैं, परिवार में खींचतान जारी है। उन्होंने दावा किया, धर्मेंद्र यादव मैनपुरी से टिकट मांग रहे थे तो शिवपाल यादव टिकट के लिए दबाव बना रहे थे। वहीं तेज प्रताप यादव भी यह उप चुनाव लड़ना चाहते थे।

डिंपल यादव को टिकट देने के पीछे यह बात सुनिश्चित करना है कि परिवार में कोई विवाद न हो, लेकिन परिवार में खींचतान जारी है। जयवीर सिंह ने कहा, वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मुलायम सिंह यादव की जीत का अंतर लाखों में था, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत का अंतर हजारों में आ गया, जबकि भाजपा से कोई दिग्गज नेता चुनाव प्रचार के लिए मैनपुरी नहीं आया था।

पीएसपीएल प्रमुख के सवाल पर भाजपा नेता ने आगे कहा, अगर वह (शिवपाल) हमारे साथ आते हैं, तो हमारी जीत का अंतर निश्चित रूप से बड़ा होगा, और अगर हमारे पक्ष में नहीं आए तो भी हम जीतेंगे। शिवपाल का जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र मैनपुरी संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। यह पूछे जाने पर कि क्या अपर्णा यादव को उप चुनाव के लिए भाजपा का टिकट दिया जाएगा, उत्तर प्रदेश के मंत्री ने कहा कि यह पार्टी द्वारा तय किया जाएगा।(भाषा)
Edited by : Chetan Gour
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