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Last Modified: रविवार, 16 फ़रवरी 2020 (17:23 IST)

सवा लाख ग्राम स्वराज सेनानियों का भव्य सम्मेलन, गांव-गांव में ग्राम स्वराज का संकल्प

सवा लाख ग्राम स्वराज सेनानियों का भव्य सम्मेलन, गांव-गांव में ग्राम स्वराज का संकल्प - Village Swaraj Fighters' Conference in Lucknow
लखनऊ। रमाबाई अम्बेडकर मैदान में एकल अभियान द्वारा आयोजित परिवर्तन कुंभ के तहत भव्य स्वराज सेनानी सम्मेलन का आयोजन हुआ। सम्मेलन में 20 हजार गांवों से सभी दिशाओं से भव्य शोभायात्रा रमाबाई अम्बेडकर मैदान पहुंची, जहां सामाजिक समरसता और भारतीय ग्राम्य संस्कृति की अद्भुत झांकी दिखाई दी। भारत और विदेशों में कार्यरत एकल अभियान के सेवाव्रती, वानप्रस्थी कार्यकर्ताओं एवं नि:स्वार्थ भाव से संलग्न नगर व ग्राम संगठन के हजारों कार्यकर्ताओं का अद्भुत संगम देखकर अभियान की परिकल्पना साकार नजर आई।

31 वर्षों की लंबी यात्रा में एकल अभियान ने भारत वर्ष के लाखों गांवों में स्वाभिमान जगाकर उनके सशक्तिकरण का प्रयत्न किया है। ग्राम विकास किए बिना राष्ट्र का विकास संभव नहीं है अर्थात गांव का विकास होना अति आवश्यक है। इसमें शिक्षा के साथ-साथ उनका सर्वांगीण विकास हो और ग्राम स्वराज में उनके बुनियादी दायित्व एवं अधिकारों का भी उन्हें संज्ञान हो, इसका प्रशिक्षण दिया जाता है।

इस हेतु एकल अभियान के ग्राम जागरण शिक्षा के अंतर्गत उन्हें ग्राम स्वराज का संकल्प कराया जाता है, जिसका अर्थ अपने गांव का विकास स्वयं करना है। आजादी के 70 वर्षों बाद भी गांव में मूलभूत आवश्यकताएं जैसे पीने का पानी, खेती की जमीन, विद्यालय, सड़क, बिजली से ग्रामवासी वंचित रहे। व्यवस्था पहुंची भी तो कागजों में, जमीन पर नहीं। आज ग्रामवासियों में विकास के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। राजनेताओं से भी उनकी अपेक्षा बढ़ रही है।

जागरण शिक्षा एवं ग्राम स्वराज संकल्प ग्रामवासी को एक जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए उनमें अपने गांव के विकास के लिए सोचने का साहस, समस्याओं से जूझने का साहस और सफल होने तक संघर्ष करने की हिम्मत प्रदान करता है। सरकारें आईं और गईं, गांव वहीं रह गए। नतीजा ग्रामवासी अपने गांव की सबसे कीमती प्राकृतिक संपदा, शुद्ध हवा, पानी, जमीन, पशुधन को छोड़कर शहर को पलायन कर रहे हैं, इनकी रक्षा तो ग्रामवासी ही करेगा। शराब की दुकान तो गांव में खोल देते हैं पर शिक्षा, स्वास्थ्य की सुविधा नहीं।

एकल अभियान ने प्रत्येक गांव में 10 युवक और 10 युवतियों को ग्राम स्वराज सेनानी बनाकर उनको संकल्प कराया है कि अपने गांव का विकास वे स्वयं करेंगे। गांव को जगाएंगे, पंचायतों का सशक्तिकरण करेंगे और आगामी 5 वर्षों में यह संकल्प पूरा कर दिखाएंगे, यह एकल अभियान का लक्ष्य है।

सम्मेलन की मुख्य वक्ता वात्सल्य ग्राम की प्रमुख साध्वी ऋतंभरा ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत को भारत बनाए रखने की एकल की निष्ठा सिर्फ शिक्षा तक सीमित नहीं है। ये अभियान तो भारत के नवनिर्माण का अभियान है। ग्रामीण इलाके हों या वनवासी क्षेत्र, एकल हर उस जगह गया, जहां सही मायने में भारत की आत्मा बसती है।

साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि समाज निर्माण में एकल के संकल्प और सामर्थ्य को देखकर मैं अभिभूत हूं। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के ट्रस्टी संत गोविन्द देव गिरि महाराज ने कहा कि सही मायने में रामराज्य की हमारी परिकल्पना उस दिन साकार होगी जिस दिन हमारे वनवासी भाई-बहन समाज के बाकी लोगों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चल सकेंगे।

उन्होंने कहा कि वनवासी क्षेत्र में रहने वाले लोगों की भलाई की बात पहले भी कई संस्थाएं करती रही हैं लेकिन मतांतरण की आड़ में उन्होंने इन भोले-भाले वनवासियों के साथ धोखा किया। सही मायने में अगर किसी एक संस्था ने नि:स्वार्थ भाव से इनके बीच रहकर इनका भरोसा जीतकर काम किया है तो वो एकल संस्था है।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए संत बालकनाथ महाराज ने लोगों से आह्वान किया कि आज हर व्यक्ति यहां से यह संकल्प लेकर जाए कि वह कम से कम 5 बच्चों को शिक्षित करेगा। उन्होंने कहा कि आज समाज को स्वराज और शिक्षा की आवश्यकता है।

स्वराज सेनानी सम्मेलन की मुख्य प्रस्तावना एकल अभियान के राष्ट्रीय महामंत्री माधवेन्द्र सिंह ने प्रस्तुत की। इस मौके पर उन्होंने एकल का यह संकल्प दोहराया कि भारत के किसी भी गांव में हम एक भी गांववासी को असहाय नहीं रहने देंगे। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. आरबी सिंह ने किया। पूरे कार्यक्रम का संचालन अभियान के सेवाव्रती रंजन बाग ने किया।