Last Updated :लखनऊ , सोमवार, 15 मई 2017 (18:37 IST)
उप्र विधानसभा सत्र में राज्यपाल पर कागज के गोले उछाले
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा का पहला सत्र आज विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच शुरू हुआ। शोरशराबे के बीच जैसे-तैसे अभिभाषण पढ़ने वाले राज्यपाल राम नाईक की ओर विपक्षी सदस्यों ने कागज के गोले उछाले।
राज्यपाल राम नाईक ने विधानमण्डल सत्र के पहले दिन दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन की कार्यवाही शुरू होते ही अभिभाषण पढ़ना शुरू किया लेकिन विपक्षी सदस्यों ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया और राज्यपाल की ओर कागज के गोले फेंके। उन्हें नाईक से दूर रखने के लिए सुरक्षाकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
राज्यपाल का पूरा अभिभाषण सुनने की विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित की अपील का विपक्षी सदस्यों पर कोई असर नहीं दिखा और सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सपा और बसपा समेत समूचे विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया।
हाथों में सरकार विरोधी नारे लिखे बैनर और तख्तियां लिए विपक्षी सदस्यों ने राज्यपाल की ओर कागज के गोले फेंकना शुरू कर दिया। सुरक्षाकर्मी इन गोलों को फाइल के सहारे रोकते देखे गए। हालांकि उछाले गए कुछ कागज नाईक तक पहुंच भी गए। सदन की कार्यवाही का पहली बार टेलीविजन पर सीधा प्रसारण किया गया।
शोरशराबे और हंगामे के बीच राज्यपाल ने लगभग पूरा अभिभाषण पढ़ा। नाईक बीच-बीच में विपक्षी सदस्यों के रवैए को सवालिया नजरों से देखते और इशारों में आपत्ति जताते रहे। इस दौरान उन्होंने कहा, सारा उत्तर प्रदेश देख रहा है, आप क्या कर रहे हो।
राज्यपाल के करीब 35 मिनट के अभिभाषण के दौरान सपा विधान परिषद सदस्य राजेश यादव जोर-जोर से सीटी बजाते रहे। हंगामा कर रहे सदस्य हाथों में ‘पुलिस पिट रही थाने में, योगी तेरे जमाने में’ ‘गोरक्षा के नाम पर गुंडई बंद करो’ और ‘किसान विरोधी यह सरकार, नहीं चलेगी, नहीं चलेगी’ नारे लिखे बैनर तथा तख्तियां लिए हुए थे।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने सदन में विपक्ष के हंगामे को अमर्यादित बताते हुए कहा कि प्रदेश के लोगों ने सपा सरकार के कार्यकाल में हुई ‘गुंडई’ को देखा है। सदन में इस पार्टी के सदस्यों का व्यवहार देखने के बाद प्रदेश की जनता जरूर खुश होगी कि उसने सपा को सत्ता से बाहर कर दिया है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से सपा सदस्यों ने मेज पर चढ़कर हंगामा किया और राज्यपाल की ओर कागज के गोले उछाले, उससे उनकी मानसिकता जाहिर होती है। यह लोकतंत्र का मजाक है। यह अत्यन्त निन्दनीय है।
विधानसभा में सपा और विपक्ष के नेता रामगोविन्द चौधरी ने बाद में संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि प्रदेश की भाजपा सरकार के राज में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है। पिछले 50 दिन में जितनी आपराधिक घटनाएं हुई हैं, उतनी तो पूर्ववर्ती सपा सरकार के पूरे कार्यकाल में नहीं हुई थीं। बलात्कार और हत्या की वारदात की बाढ़ आ गयी है।
कांग्रेस विधानमण्डल दल के नेता अजय प्रताप ने भी कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरने की कोशिश की। हालांकि विपक्ष का यह रुख अप्रत्याशित बिल्कुल भी नहीं था। मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी :सपा: ने पहले ही एलान किया था कि वह सरकार को कानून-व्यवस्था तथा कुछ अन्य मुद्दों पर घेरेगी।
नाईक ने प्रदेश की 17वीं विधानसभा के पहले सत्र के पहले दिन विधानमण्डल के संयुक्त अधिवेशन में करीब 35 मिनट तक पढ़े गए अपने अभिभाषण में कहा कि एक समय था जब उत्तर प्रदेश विकास के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल था, लेकिन बाद के कई वष्रो में यह अन्य सूबों से पिछड़ गया।
राज्यपाल ने 84 पन्नों का अभिभाषण पत्र पढ़ते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश कभी अग्रिम पंक्ति के राज्यों में शुमार था, लेकिन गुजरे कई साल में यह अन्य राज्यों से पिछड़ गया है। अब राज्य की नयी सरकार ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के लक्ष्य के साथ इसे फिर से अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प लिया है।
राज्य सरकार के करीब दो महीने के अब तक के कार्यकाल में उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए नाईक ने कहा, राज्य सरकार तुष्टीकरण की नीति नहीं अपनाएगी और समाज के हर वर्ग के हितों की रक्षा करेगी। कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह कानून का राज स्थापित करने और भयमुक्त तथा शांतिपूर्ण माहौल सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है। सुरक्षित समाज बनाने के लिए एंटी-भूमाफिया टास्क फोर्स तथा एंटी-रोमियो दल इत्यादि का गठन किया गया है।
राज्यपाल ने अभिभाषण में कहा, अपराध पर प्रभावी नियंत्रण तथा अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए उप महानिरीक्षक स्तर से लेकर पुलिस महानिदेशक स्तर तक नियमित निगरानी की जा रही है। साथ ही शत-प्रतिशत मुकदमे दर्ज कर उन पर समयबद्ध तरीके से कार्रवाई के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
राज्यपाल ने अभिभाषण में प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यो का खाका भी पेश किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 के लिए बजट जल्द ही पेश किया जाएगा और कुछ महत्वपूर्ण विधेयक भी सदन के पटल पर रखे जाएंगे।
उन्होंने कहा, मुझे आशा है कि सदन के सभी सदस्य सदन की गरिमा और सम्मान को बरकरार रखते हुए आम जनता के हितों की सुरक्षा के लिए सरकार के साथ सहयोग कर जनाकांक्षाओं को पूरा करने में मदद करेंगे।