रॉकी और शुभेंदु रॉय ने बुधवार को उधमपुर जिले में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बीएसएफ के दस्ते पर हुए आतंकी हमले के दौरान आतंकियों से लड़ते हुए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया था। हमले के दौरान एक पाकिस्तानी आतंकी मारा गया था जबकि एक अन्य पाकिस्तानी आतंकी जिंदा पकड़ लिया गया था। इस हमले में बीएसएफ के 13 जवान घायल हुए थे।
जब महानिरीक्षक से पूछा गया कि आतंकियों ने पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर तक आने के लिए कौन सा रास्ता अपनाया? तो शर्मा ने कहा कि यह जांच का विषय है। जम्मू-कश्मीर पुलिस पूछताछ कर रही है। मैं इस बारे में निश्चित तौर पर कुछ नहीं कह सकता। वह लगातार अपने बयान बदल रहा है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या आतंकियों का इरादा अमरनाथ यात्रा के काफिले पर हमले का था, तो उन्होंने कहा कि एक आतंकी जिंदा पकड़ा गया है और मैं उम्मीद करता हूं कि हमें कुछ तथ्यों की जानकारी मिल सकेगी।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा के यथासंभव सर्वश्रेष्ठ उपाय किए गए हैं और अंतरराष्ट्रीय सीमापार करके इधर आना आसान नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि क्या आतंकियों के निशाने पर बीएसएफ थी तो उन्होंने कहा कि यह संयोग था और यह बल आतंकियों का मुख्य निशाना नहीं था।
उन्होंने कहा कि वे किसी निशाने की तलाश में थे। बीएसएफ का दस्ता वहां से होकर गुजरा और उन्होंने उसे ही निशाना बना लिया। (भाषा)