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Last Modified: शनिवार, 13 जनवरी 2024 (22:00 IST)

अभूतपूर्व फैसलों से मोहन सरकार ने जीता जनता का विश्वास

Dr. Mohan Yadav
  • 1 माह के कार्यकाल में लिए साहसिक निर्णय 
  • मिल श्रमिकों और परिजनों के हित में फैसला
  • प्रदेश में बेहतर सुशासन एवं कानून व्यवस्था
मध्य प्रदेश की नई सरकार के गठन को 1 माह पूर्ण हो गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 13 दिसंबर 2023 को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। 13 जनवरी 2024 को उन्होंने प्रदेश के मुखिया के रूप में अपने कार्यकाल का 1 माह पूर्ण कर लिया। इन 30 दिनों के कार्यकाल में सीएम डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश सरकार की कार्यशैली को रेखांकित करने का काम किया है।

हालांकि 30 दिन के समय में किसी भी सरकार या राजनेता के कार्यकाल का आंकलन लगाना आसान नहीं होता, लेकिन सीएम डॉ. मोहन यादव के साहसिक फैसलों, प्रशासनिक जमावट, जनकल्याण व गरीब उत्थान को प्राथमिकता एवं जनहित से जुडे कार्यों पर तत्काल निर्णय करना तथा अपराधी व दोषियों पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश जैसे निर्णयों ने एक साफ-स्वच्छ और न्यायप्रिय मुखिया की छवि को भी प्रस्तुत किया है और सरकार के स्पष्ट विजन को भी।

सीएम डॉ. मोहन यादव ने अपने केवल 1 माह के कार्यकाल में न केवल साहसिक निर्णय लिए बल्कि अपनी स्पष्ट कार्यशैली से प्रदेश के पटल पर लंबी रेखा खींचने का काम किया है। उन्होंने प्रदेश में बेहतर सुशासन एवं कानून व्यवस्था, जनकल्याण, अपराध मुक्त प्रदेश, शिक्षण क्षेत्र में कुशल प्रबंधन, गरीब को अधिकार एवं सबको न्याय और सबका सम्मान बनाए रखने का संदेश दिया है।

एक अधिकारिक बैठक के दौरान हुई अमर्यादित टिप्पणी पर उन्होंने अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा था कि हम अहंकार के धनी नहीं हैं, हम उस विनम्रता के सेवक हैं जिसके माध्यम से भविष्य की नई इमारत खड़ी करने के लिए निकले हैं और हम सबका सहयोग लेकर आगे बढ़ें तो मुझे भी प्रसन्नता होगी।

सीएम डॉ. यादव ने कहा था कि राज्य सरकार होती है मूलभूत सुविधाओं के लिए हम उस पर काम कर रहे हैं लेकिन अपने देश-प्रदेश और भारतीय सनातन संस्कृति का मान दुनिया में बढ़े, इसके लिए भी काम करने की आवश्यकता है। यह सरकार गरीबों की सरकार है। हम अपने एक-एक संकल्प को अक्षरशः पूरा करेंगे।

मुख्यमंत्री की शपथ लेने के कुछ दिनों बाद ही डॉ. मोहन यादव ने वर्षों से प्रतिक्षारत हुकमचंद मिल के हजारों श्रमिकों और उनके परिजनों के हित में फैसला किया। मुख्यमंत्री ने भुगतान के लिए 464 करोड़ रुपए की राशि मंजूर कर 2500 परिवारों को सिंगल क्लिक के माध्यम से राशि खातों में भेजी। इस निर्णय ने हर मजदूर के आत्मविश्वास को बढ़ाया तो वहीं मुख्यमंत्री के निर्णयात्मक साहस का भी परिचय कराया।

एक निर्णय जिसमें उन्होंने राजा विक्रमादित्य का न्याय, वीरता, विक्रमादित्य की दानशीलता, उनके पराक्रम उनके पौरुष और गुणों को दर्शाने का काम किया है। करीब 66 साल के बाद मध्य प्रदेश के सरकारी कैलेंडर से विक्रम संवत को जोड़ने का फैसला किया, इसके अनुसार अब कैलेंडर में माह के नाम विक्रम संवत के अनुसार लिखे जाएंगे।

सीएम डॉ. मोहन यादव ने एक और महत्वपूर्ण लिया जिसने प्रदेश के नागरिक को प्रभावित करने का काम किया है। अपना घर, अपनी जमीन एक आम नागरिक का सपना होता है, लोग जमीन खरीद तो लेते हैं लेकिन नामांतरण के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं।

मोहन सरकार ने इस दिशा में सार्थक पहल करते हुए बड़ा फैसला लिया है अब रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण भी हो जाएगा, अब नागरिकों को नामांतरण के लिए पटवारी के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है, इससे आम जनता को राहत मिलेगी तो वहीं भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगाने का काम इस निर्णय से हुआ है।

हर वर्ग के उत्थान और कल्याण के साथ प्रदेश शांति और सौहार्द के साथ आगे बढ़ता रहे, प्रदेश में खुशहाली और समृद्धि हो, प्रदेश तेजी से विकास करे तो वहीं अपराधों पर अंकुश लगाने की दिशा में भी उन्होंने निर्णय लेने का काम किया है। सीएम डॉ. मोहन यादव ने कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि गंभीर अपराधों में बंद कैदियों को चिन्हित करें और उन पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए।

उन्होंने महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों के लिए गंभीरतापूर्वक तुरंत कार्रवाई के निर्देश सहित जमीन की नपती, बंटवारे और प्रमाण पत्रों के लंबित आवेदनों का जल्द से जल्द निराकरण किया जाए, उन्होंने तहसील और जिलों के सभी सरकारी कार्यालयों के कामकाज में पारदर्शिता अपनाने पर जोर दिया।

उन्होंने बता दिया कि हादसे और लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। शाजापुर में ट्रक ड्राइवरों के साथ प्रशासन की बैठक में हुई अमर्यादित घटना हो या फिर गुना बस हादसे के बाद तुरंत लापरवाही बरतने के आरोप में की गई कार्रवाई। मोहन सरकार की इस तरह की कार्रवाई सख्त संदेश देती है कि हमारे लिए जनता ही सबसे पहले है।

प्रदेश सरकार ने अपने पहले ही फैसले में लाउडस्पीकर की तेज आवाज पर लगाम लगाने का काम किया, धार्मिक स्थलों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर लाउडस्पीकर की आवाज निर्धारित डेसिबल के अंदर रखनी होगी, इसके साथ ही सरकार ने खुले में अंडे और मांस की बिक्री पर भी रोक लगाने के फैसले से जनता में उत्साह और खुशी देखी गई।

आम नागरिकों की एक और समस्या को देखते हुए डॉ. मोहन सरकार ने संभाग और जिलों की सीमा का निर्धारण भी नए सिरे से कराने का फैसला किया है, इससे प्रदेश का राजस्व नक्शा भी बदल जाएगा, दरअसल, समस्या यह थी कि कई कस्बे और गांव थे किसी और शहर या जिला मुख्यालय के करीब लेकिन उनका जिला मुख्यालय कहीं और था जहां की दूरी अधिक थी, इसकी वजह से नागरिकों को समस्याओं का सामना करना पड़ता था।

एक महीने के कार्यकाल में डॉ. मोहन सरकार द्वारा लिए गए ऐतिहासिक निर्णयों ने बता दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मध्य प्रदेश सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबके सामूहिक प्रयासों से विकास और जनकल्याण की दिशा में मध्य प्रदेश नई गाथा लिखेगा।
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